देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ उपचुनाव के बहाने भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के साथ हक-हकूकधारियों के अधिकारों का भी हनन किया, जिसमें केदारनाथ और बदरीनाथ क्षेत्र में आवासीय भवन बनाने का अधिकार शामिल है।
उन्होंने पांच नवंबर से कुछ समय केदारनाथ क्षेत्र में बिताने का ऐलान भी किया। सोशल मीडिया में एक पोस्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सिद्ध करना है कि हमने आपदा के वक्त केदारनाथ क्षेत्र में पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास का काम किया।
कहा कि हम मतदाताओं के बीच इस बात को रखेंगे कि सरकार की ओर से तीर्थस्थानों के सरकारी नियंत्रण के लिए बनाया गया कानून गलत था। हमने उसका पुरजोर विरोध किया। हमें सिद्ध करना है कि यह चुनाव जीतकर कि सरकार ने इस साल चारधाम यात्रा का इस तरह संचालन किया कि उससे सारे गढ़वाल और चारधाम क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ा।
उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि चुनाव जीतकर सिद्ध करना है कि भाजपा सरकार ने केवल तीर्थ पुरोहितों के ही मान का हनन नहीं किया, बल्कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की अवमानना करते हुए भी सार्वजनिक बयान दिए। उन्होंने केदारनाथ में सोने की चोरी और दिल्ली में प्रतिमंदिर बनाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि हम इन तमाम बातों को लेकर मतदाताओं के बीच जाएंगे।