ऋषिकेश: उत्तराखंड में पिछले काफी समय से चल रहे, देवस्थानम बोर्ड को लेकर विवाद के समाधान के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व राज्य सभा सांसद और बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को उत्तराखंड के समस्त चार धाम हक हकूक धारियों से वार्ता कर उनके सुझाव लेने के लिए उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करते हुए अधिकृत किया है। जोकि संबंधित पक्षकारों से बातचीत कर उनके सुझाओं को तीन महा के अंदर शासन के समक्ष रखेंगे।
यह जानकारी उत्तराखंड शासन के संस्कृति धर्मस्व एवं तीर्थाटन प्रबंधन धार्मिक मेला अनुभाग के अनुसचिव प्रेम सिंह राणा द्वारा जारी किए गए पत्र के माध्यम से दी गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के मंदिरों के रखरखाव को लेकर देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है, जिसे लेकर चार धाम हक हकूक धारी महापंचायत लगातार विरोध कर रही है, जिस का मानना है कि इस बोर्ड के गठन के बाद मंदिरों से जुड़े तमाम तीर्थ पुरोहितों के हकों पर कुठाराघात होगा। जिसका संपूर्ण भारत वर्ष में विरोध किया जा रहा है।
महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल का कहना है, कि जब तक राज्य सरकार द्वारा गठित देवस्थानम बोर्ड को समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे कोठियाल का कहना था कि महापंचायत की एक सूत्रीय मांग है कि वह देवस्थानम बोर्ड को भंग करे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह चार धाम मंदिरों के साथ अन्य मंदिरों के किए जाने वाले विकास के विरोधी नहीं है। लेकिन महापंचायत का मानना है कि देवस्थानम बोर्ड चार धामों के हित में नहीं है।पण्डे, पुजारियों, हक़-हकूकधारियों के हित में नहीं है।