शादाब अली
देहारादून। सोशल मीडिया साईट्स में विज्ञापनों के जरिये ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से धनराशि ठगने वाले गिरोह के एक अन्य सदस्य को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि उक्त प्रकरण में जनपद उधमसिंहनगर निवासी पीड़ित द्वारा बीते फरवरी महीने में शिकायत दर्ज करवाई कि उनके द्वारा दिसम्बर 2023 में फेसबुक में एक ऑनलाईन ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उनको एक अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जुडना बताया गया, चैंटिग करने के उपरांत शिकायतकर्ता को एक अन्य लिंक के माध्यम से इंद्रा कस्टमर केयर-एफ25 नाम के ग्रुप में जोड़ा गया जिसमें उनके द्वारा स्वयं को इंद्रा कम्पनी का प्रतिनिधि बताया गया था तथा ट्रेडिंग में लगायी गयी।
धनराशि को उनके द्वारा दिये गये लॉगिन आई0डी0 पासवर्ड से लॉगिन करने पर पीड़ित को धनराशि दिखाई जाती थी जिसके उपरान्त पीड़ित द्वारा ऑनलाईन ट्रेडिंग करने के लिये अभियुक्तगणों द्वारा व्हाटसप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 52 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।
उन्होंने आगे बताया कि साईबर अपराधियों द्वारा शिकायतकर्ता को ऑनलाईन शेयरमार्केटिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया तथा इसमे निवेश करने पर वादी को शार्ट टर्म में अधिक मुनाफे का भरोसा देकर ठगी की गयी। उनके द्वारा उक्त प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम अरूण कुमार को सुपुर्द करते हुये अभियोग के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
जिस क्रम में साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों व वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों,सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के खातों (कमीशन बेस्ड खाते)का प्रयोग कर धोखाधडी की गयी धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु प्रयोग करते थे।
उक्त प्रकरण में विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किया गया व पुलिस टीम द्वारा तकनीकी व डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना से सम्बन्धित मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबेर मिर्जा, दीपक अग्रवाल पुत्र स्व0 राधेश्याम अग्रवाल तथा गौरव गुप्ता पुत्र राजेन्द्र गुप्ता को पूर्व में गिरफ्तार किया गया।
शेष अभियुक्तगणों की तलाश जारी की गयी जिसमें प्रभारी निरीक्षक अरूण कुमार के नेतृत्व में टीम द्वारा मॉडल ग्राम थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला पंजाब जाकर प्रकाश में अन्य अभियुक्त रतना पुत्र दीना निवासी मॉडल ग्राम थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला पंजाब को तलाश कर उसे हिरासत में लेकर स्थानीय थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला दाखिल किया गया तथा विवेचनात्मक कार्यवाही करते हुये रतना के विरूद्ध दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 41 ए की कार्यवाही अमल लायी गयी।
लाभार्थी खाता धारक रतना पुत्र दीना द्वारा साईबर अपराधियों के साथ मिलकर अहमदाबाद गुजरात जाकर एमएम टूर एण्ड ट्रेवलर के नाम से एक फर्जी फर्म बनाकर रजिस्टर्ड करायी गयी तथा फर्म के नाम पर आईडीएफसी बैंक अहमदाबाद में खाता खोलकर खाते में शिकायतकर्ता से 01 लाख 35 हजार रूपये प्राप्त किये गये।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि साईबर पुलिस टीम को तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी तथा टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुये अभियोग में प्रकाश में आये रतना पुत्र दीना के विरूद्ध भा0द0वी0 के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुये उनकी तलाशी में अभियुक्तों से घटना में प्रयुक्त 01 मोबाइल फोन्स 1 सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड भी बरामद हुए है, साईबर पुलिस की जांच पड़ताल में अभियुक्त के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउन्ट, बैंक खातों, फर्जी फर्म व कम्पनियों के नाम फोटो व दस्तावेज बरामद हुये है तथा विदेशी मोबाइल नम्बरों के साथ व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर उनके साथ चैटिंग व साईबर अपराधियो से सम्पर्क होना प्रकाश में आया है।
अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी।
अभियुक्त वाट्सअप ग्रुप में विभिन्न शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे तथा खुद को अधिक लाभ होने की बात करते थे जिससे ग्रुप के जुडे पीड़ित इनकें झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे।पीड़ितों द्वारा इन्वेस्ट की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी लिंक का प्रयोग करते थे जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो व डेसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी,जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था।
विड्राल के नाम पर यह साईबर अपराधी पीड़ित के खाते में कभी कभी कुछ छोटी धनराशि भी भेज देते थे,जिससे पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था। अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण करते थे,अभियुक्तगणों द्वारा उक्त कार्य हेतु अन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर (कमीशन बेस्ड खातों)का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है, यहां अपराधी यह भी विशेष रुप से ध्यान देते थे, कि इन खातों की विड्राल लिमिट कितनी है अधिक लिमिट वाले खाते इनकी प्राथमिकता में होते थे।
अभियुक्त द्वारा कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर चालू बैंक खाते खोले गए हैं,जिनका एक्सेस उनके द्वारा स्वयं किया जा रहा था,अभियुक्त बैंक खातो में लिक मोबाइल नम्बर तथा ईमेल आई0डी0 को इटंरनेट बैंकिग के लिये प्रयोग करता था,तथा मोबाइल में एसएमएस फॉवर्ड एप्लीकेशन के माध्यम से लाभार्थी खातों में प्राप्त होने वाली धनराशि व इन्टरनेट बैंकिग आदि से सम्बन्धित समस्त ओटीपी को विदेशों में बैठे साईबर अपराधियो को भेजा जाता थ,साईबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है।
अभियुक्तों ने साईबर अपराध हेतु विभिन्न लोगों के नाम पर फर्जी चालू बैंक खाते खोलकर उन खातो का प्रयोग साईबर अपराध में ठगी गयी धनराशि को जमा करने व निकालने में स्वीकार किया गया है,इन्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से संचालित करने हेतु एसएमएस अलर्ट नम्बर व ईमेल आई0डी0 का प्रयोग अभियुक्तों द्वारा किया जा रहा था, इन बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में करोड़ो रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है, जाँच में यह भी सामने आया है कि इन बैंक खातों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 14 साईबर अपराधों की शिकायतें दर्ज है।