नई दिल्ली: साइबर अपराधी अब लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर शेयर बाजार में निवेशकों को चूना लगा रहे हैं। बीते कुछ महीने में ऐसे कई वीडियो आ चुके हैं, जिनमें किसी कंपनी के टॉप ऑफिशियल्स या मार्केट एक्सपर्ट्स निवेशकों को किसी शेयर या स्टॉक को लेकर टिप देते नजर आते हैं। हालांकि, ये वीडियो अधिकांशत: फर्जी पाए गए, जिन्हें जालसाजों ने डीपफेक तकनीक के जरिए निवेशकों को ठगने के लिए तैयार किया था। इसे ‘डीपफेक इन्वेस्टमेंट स्कैम’ (Deep Fake Investment Scams) नाम दिया गया है। इन वीडियो को लेकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने एक चेतावनी वाला वीडियो और मैजेस सोशल मीडिया में जारी किया है।
बता दें कि मुंबई पुलिस ने मई में निवेश धोखाधड़ी के 355 मामले दर्ज किए थे, जिनमें 91 लोगों को गिरफ्तार किया गया। घोटालेबाज, जो अक्सर चीन से जुड़े होते हैं, पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए नकली ऐप्स और सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।
डीपफेक के अलर्ट वीडियो में क्या है?
बीएसई के इस वीडियो में ऑफिस में बैठा एक कर्मचारी इन्वेस्टमेंट टिप्स का वीडियो देखकर साथी को बोलता है कि निवेश सही है, कर दो। लेकिन दूसरा साथी उसे आगाह करने के लिए ऑफिस के बॉस का ऐसा ही एक डीपफेक वीडियो तैयार कर भेजता है, जिसमें उसे प्रमोशन मिलने की बात कही जाती है, लेकिन पहले कर्मचारी को भरोसा नहीं होता। फिर साथी कर्मचारी बोलता है कि तुम किसी वीडियो में दिए गए ऑफर या टिप को सही कैसे मान सकते हो, जब तक कि उसे किसी भरोसेमंद सोर्स से वेरिफाई नहीं कर लो।
BSE ने कहा- AI-वीडियो या ऑडियो से सावधान रहें
बीएसई ने अपने डीपफेक अलर्ट वीडियो के साथ जारी मैसेज में कहा- आजकल डीपफेक इन्वेस्टमेंट स्कैम बढ़ रहे हैं, जहां साइबर अपराधी AI की मदद से वीडियो या ऑडियो का उपयोग करके वित्तीय सलाहकार जैसे भरोसेमंद व्यक्तियों की नकल करते हैं और लोगों को आसानी से धोखाधड़ी वाले निवेश में फंसा लेते हैं। इसलिए निवेशक खुद को सुरक्षित रखने के लिए पैसे मांगने वाले व्यक्ति की पहचान को ठीक से वेरिफाई करें और अनजान साइट या व्यक्ति के साथ संवेदनशील जानकारियां साझा करने से बचें। कोई भी वित्तीय फैसला लेने से पहले जानकारी को भरोसेमंद सोर्स से क्रॉस-चेक जरूर करें।
जालसाजों ने लक्समबर्ग के गवर्नर का वीडियो बनाया
बता दें कि कुछ महीने पहले जालसाजों ने लक्समबर्ग के केंद्रीय बैंक के गवर्नर गैस्टन राइनश और RTL टीवी की पत्रकार मारीएट ज़ेनर्स का एक डीपफेक वीडियो जारी किया था। जिसमें दोनों लक्समबर्ग के केंद्रीय बैंक द्वारा प्रस्तुत एक नए “महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट” पर चर्चा करते दिखाए गए थे- एक ऐसा प्रोजेक्ट जो लोगों को बिना किसी विशेष निवेश या वित्तीय ज्ञान के प्रति सप्ताह 7,000 डॉलर या उससे अधिक कमाने की सुविधा प्रदान करेगा।हालांकि, राइनश और ज़ेनर्स ने कभी भी इस प्रकार के प्रोजेक्ट पर चर्चा नहीं की, क्योंकि केंद्रीय बैंक के पास ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं है। यह प्रोजेक्ट वास्तव में धोखाधड़ी साबित हुआ, जिसे अपराधियों ने तैयार किया था।