लखनऊ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी व कक्षा एक में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब परिवार के बच्चों के प्रवेश होंगे। अगले शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 में प्रवेश की प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू होगी। चार चरणों की प्रवेश प्रक्रिया का कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद अब सभी जिलों को अभी से तैयारियों की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) व खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय में अभिभावकों की मदद को हेल्प डेस्क बनेगी।
ऐसे अभिभावक जिन्हें आनलाइन आवेदन फार्म भरने में कठिनाई होगी उनके फार्म भरवाए जाएंगे। निजी स्कूलों में सीटों का विकल्प भरवाने और कौन-कौन से दस्तावेज लगाए जाने हैं इसकी भी संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। वर्तमान शैक्षिक सत्र वर्ष 2024-25 में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए कुल 3.57 लाख बच्चों के आवेदन फार्म आए थे।
पात्रता और फार्म में दस्तावेज की कमी के कारण इसमें से सिर्फ 1.56 लाख बच्चों को ही सीटें आवंटित हो सकीं और 1.15 लाख बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिल सका। यानी आवेदन करने वाले 2.01 लाख बच्चे लाटरी से पहले ही दाखिले की दौड़ से बाहर हो गए, क्योंकि उनके फार्म में त्रुटियां थी।
कई अभिभावकों ने किया विरोध
फिलहाल कई अभिभावकों ने इसका विरोध किया और जानबूझकर फार्म निरस्त करने का आरोप भी लगाया। ऐसे में अब इस बार अभिभावकों को सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाएगा। उनके फार्म में जो कमियां हैं, उन्हें हेल्प डेस्क की मदद से पूरा कराया जाएगा। अगले शैक्षिक सत्र में प्रवेश के लिए अभी तक 63 हजार निजी स्कूलों की मैपिंग और रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है।
आरटीई पोर्टल पर प्रवेश से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। उप शिक्षा निदेशक (समग्र शिक्षा) डा. मुकेश कुमार सिंह के मुताबिक आगे अधिक से अधिक बच्चों के प्रवेश हों इसके लिए होर्डिंग्स व पोस्टर लगाकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। एक दिसंबर से लेकर 27 मार्च 2025 तक चार चरणों में दाखिले की प्रक्रिया चलेगी।