गढ़वाल: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में प्रो0 महावीर सिंह नेगी विभागाध्यक्ष के निर्देशन में शोध कर रहे शोधछात्र सुनील सिंह को उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) द्वारा आयोजित 17वें यूएसएसटीसी 2023 के लिए युवा साइंटिस्ट के अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनके शोध का विषय सौर ऊर्जा था जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के अंतर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल में एमसीडीएम दृष्टिकोण का उपयोग कर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए भौगोलिक सूचना तंत्र आधारित उपयुक्तत स्थान संबंधित शोध पत्र प्रस्तुत किया।
जिसके लिए उन्हें युवा वैज्ञानिक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसी विषय को लेकर वह पीएचडी भी कर रहे हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो0 अन्नपूर्णा नौटियाल ने शोधछात्र सुनील सिंह को युवा साइंटिस्ट अवार्ड के लिए चयनित होने पर बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहां कि हमारे विश्वविद्यालय के शोधछात्र को उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) द्वारा यूएसएसटीसी 2023 के लिए यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिलना भूगोल विभाग व विश्विद्यालय के लिए गर्व का विषय है।
वहीं भूगोल विभाग के शोध छात्र सुनील सिंह को उनके शोध निर्देशक विभागाध्यक्ष भूगोल एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 महावीर सिंह नेगी ने भी बधाई दी, उन्होंने कहां कि सुनील बेहद मेहनती छात्र है।वहीं विवि के भूगोल विभाग में पीएचडी कर रहे शोधछात्र सुनील सिंह का कहना है कि वे अपनी इस उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे है वे इसका श्रेय अपने शिक्षक भूगोल विभाग के विभागध्यक्ष प्रो0 महावीर सिंह नेगी को देना चाहते है।
सुनील ने कहां कि यह कार्य मेरे शिक्षक शोध निर्देशन कर्ता प्रो0 एम0 एस नेगी के बिना संभव नहीं था। उनके मार्गदर्शन का नतीजा है कि मुझे यह सम्मान मिला। विभाग के वरिष्ठ शिक्षक व मुख्य नियंता प्रो0 बी पी नैथानी, प्रो एम एस पँवार, प्रो अनिता रुडोला, विभाग के वरिष्ठ शोध छात्रों प्री पी एच डी, व स्नात्तकोत्तर भूगोल विषय के छात्रों व कर्मचारियों ने विभाग कि उस उपलब्धि पर ख़ुशी जाहिर की व शोध छात्र सुनील सिंह को बधाई दी। पिछले दो वर्षो में शोध छात्र सुनली सिंह के सात महत्वपूर्ण शोध पत्र उच्च दर्जे की अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। वहीं उनका एक शोध पत्र पेरिस के अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र (इंटरनेशनल कूरियर) में भी प्रकाशित हुआ है। इस से पूर्व में भी स्नात्तकोत्तर स्तर पर भूगोल विषय में वह स्वर्ण पदक से भी सम्मानित हो चुके हैं।