सीहोर : एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले बुदनी विधानसभा क्षेत्र ने महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश की है। यहां एक बकरी चराने वाली महिला को पंचायत चलाने का दायित्व सौंपा गया है। बकरी चराने वाली यह महिला निर्विरोध तरीके से सरपंच चुनी गई है। सरपंच चुने जाने के बाद भी वह बकरी चलाने का काम करती है। महिला ने कहा है कि अभी भी मैं अपना मूल काम नहीं छोड़ूंगी। सोशल मीडिया पर महिला की तस्वीरें वायरल हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश अपने अजब गजब कारनामों को लेकर चर्चा में बना रहा है। ऐसे में मध्यप्रदेश में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान सीएम के गृह जिले के लोगों ने अनोखी मिसाल पेश की है। बुधनी विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायत ससली में एक बकरी चराने वाली महिला सुलोचना बाई निर्विरोध रूप से सरपंच बन गई है। इसके बाद गांव में चारों ओर ससली की वाहवाही गूंज रही है।
समरस पंचायतों में ससली का नाम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि सरपंच ही नहीं सभी पंच भी इस ग्राम पंचायत में अब केवल महिलाएं ही होंगी। नवनियुक्त सरपंच सुलोचना देवी बताया कि पंचायत चलाने का अवसर भी मिला है। जैसा सब लोग कहेंगे, वैसा मिलजुल कर करेंगे। साथ ही साथ सुलोचना देवी ने यह भी बताया कि वह मजदूरी करती है। उसने कहा कि मैं तीन घरों की बकरी चराती हूं।
गौरतलब है कि ससली ग्राम पंचायत वह ग्राम पंचायत है, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जवला योजना में अतिविशिष्ट प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित भी किया था। ससली सीहोर जिले का पहला ऐसा गांव था जो धुआं मुक्त घोषित हुआ था। वहीं, इस ग्राम पंचायत की स्थिति पर नजर डालें तो लगभग 100 से अधिक मकान हैं। इनमें तकरीबन 700 लोग निवास करते हैं। अब निर्विरोध सरपंच चुने जाने के कारण और पूरी पंचायत में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनने से यह पंचायत समरस घोषित हुई है।