नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड की धामी सरकार से हिल स्टेशन मसूरी को लेकर चिंता व्यक्त की है. एनजीटी की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति ने मसूरी की वहन क्षमता के अध्ययन करने के बाद यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या को कंट्रोल करने की सिफारिश की है. एनजीटी द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने मसूरी की वहन क्षमता के अध्ययन के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने की गुजारिश की है. दरअसल, जोशीमठ में जमीन धंसने का संकट मसूरी के लिए चेतावनी की तरह है. इसके तहत एनजीटी ने एक एडवाइजरी जारी की है. फरवरी में एनजीटी के आदेश के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह कमेटी बनाई गई. इसने सर्वे के बाद सरकार को सूचित किया है.
मसूरी की वहन क्षमता पर अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन किया
मसूरी में सीजन के समय करोड़ यात्री घूमने के लिए आते हैं. साल की शुरुआत से जोशीमठ में जमीन धंसने की खबरें सामने आई थीं. इसके बाद से अन्य इलाकों में सतर्कता बरतने की अपील की गई थी. इसके बाद एनजीटी ने मसूरी की वहन क्षमता पर अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन किया. पैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कुछ उपाए सुझाए गए थे.
पर्यटकों से शुल्क लिया जा सकता है
इसमें कहा गया, पर्यटकों का रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए. मसूरी घूमने के लिए पर्यटकों से शुल्क लिया जा सकता है. उस राशि का उपयोग कूड़े और सफाई प्रबंधन के लिए किया जा सकता है. एनजीटी का कहना है कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पार्किंग की क्षमता, गेस्ट हाउस की उपलब्धता को देखकर करना चाहिए.