नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कैंट थाना क्षेत्र के गोलघर में अलग तरह की घटना सामने आई है. यहां पर पेट्रोल पंप से पेट्रोल डलवाने के बाद ग्राहकों की गाड़ियां कुछ दूर जाने के बाद बंद होने लगी. मैकेनिक को दिखाने पर पता चला कि जो उसमें पेट्रोल डाला गया है वह पेट्रोल नहीं बल्कि पानी है. उसके बाद ग्राहक अपनी गाड़ियों को धकेलते हुए पेट्रोल पंप पहुंचें और विरोध शुरू कर दिया. जानकारी होने पर आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने पंप को सील कर संचालक के खिलाफ नोटिस जारी किया. वहां काफी भीड़ जुट गई. हंगामा होने लगा. उन्होंने फिलिंग स्टेशन के संचालक को बुलाया. हंगामा देखकर उन्होंने ग्राहकों का पैसा वापस कर दिया.का
काली मंदिर के पास इंडियन ऑयल का गणेश दास रामगोपाल फीलिंग स्टेशन नाम का एक पेट्रोल पंप है. पंप से अपनी गाड़ियों में पेट्रोल भरवा कर थोड़ी दूर चले, तो उनकी गाड़ियां बंद होने लगी. कुछ लोग मैकेनिक के पास गए तो उसने पेट्रोल की जगह पानी होने की बात कही. ऐसे में तमाम लोग अपनी गाड़ियों को धकेलते हुए वापस पेट्रोल पंप पर आ गये और संचालक का विरोध करने लगे. इसी दौरान बालापार रोड महाराजगंज के प्रेम आनंद सिंह की कार भी कुछ दूर जाकर बंद हो गई. उन्होंने भी मैकेनिक को बुलाया तो उसने बताया कि इसमें पेट्रोल नहीं पानी है. उन्होंने तत्काल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को फोन किया. उसके निरीक्षक अरुण कुमार सिंह तत्काल मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पुलिस की मदद से लोगों को शांत कराया.
क्या बोले जिला पूर्ति अधिकारी?
इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि संचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है. किसी भी दशा में ग्राहकों के साथ मनमानी नहीं करने दी जाएगी.
कैसे बनता है पानी से पेट्रोल?
वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञ बताते हैं कि पेट्रोल में एथेनॉल मिला होता है. इथेनॉल मिला पेट्रोल जैसे ही पानी के संपर्क में आता है तो इथेनॉल पानी का स्वरूप ले लेता है. बरसात के मौसम में इस तरह की घटनाएं होते हुए दिखती हैं. वर्षा का पानी यदि किसी भी स्रोत से रिसता हुआ टंकी के अंदर पहुंच जाता है तो एथेनॉल पानी बन जाता है. ऐसी स्थिति में यदि कोई ग्राहक अपनी गाड़ी में ऐसे पेट्रोल को डालता है तो उसके इंजन में दिक्कत आ जाती है. पेट्रोल डालने से पहले उसे चेक कर लेना चाहिए, लेकिन संचालक ऐसा नहीं करते है.