देहरादून l कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन ने सरलार के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। खतरे को देखते हुए सरकार ने सख्ती के साथ राज्य में फिर से कोविड प्रतिबंधों की शुरुआत कर दी है। अगर आप भी उत्तराखंड घूमने आ रहे हैं, तो शासन की कोरोना वायरस गाइडलाइन का ध्यान रखें। ऐसा न करने पर आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नई एसओपी में सभी जिलाधिकारियों से राज्य के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बॉर्डर चेक पोस्ट, पर्यटन स्थल और भीड़भाड़ वाली जगहों पर रैंडम सैंपलिंग कराने को कहा गया है। कोरोना संक्रमित मिलने वाले लोगों को कोरोना प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के सभी फ्रंट लाइन वर्कर की कोविड जांच भी होगी। 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को आवश्यक और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ही घर से बाहर निकलने की इजाजत होगी।
गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और पहले से ही बीमार लोगों को भी स्वास्थ्य कारण व जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की इजाजत होगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा। इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। आमजन को नए वैरिएंट के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। विदेश से आए जो यात्री होम क्वारंटाइन हैं, उनकी सतत निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के सभी महाविद्यालय, मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज व शैक्षिक संस्थानों में कोविड सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य की सीमा से लगे नेपाल से आवाजाही के समय कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य किया गया है। मंगलवार को मुख्य सचिव एसएस संधु की ओर से इसे लेकर कोरोना वायरस गाइडलाइन जारी की गई। जिसमें सभी सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क पहनना व सैनेटाइजेशन संबंधी नियमों का सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
खबर इनपुट एजेंसी से