नई दिल्ली। स्मार्टफोन एक्सपोर्ट के मामले में पूरी दुनिया में आज चीन और वियतनाम जैसे देशों के कब्जा है। हालांकि सरकार स्मार्टफोन एक्सपोर्ट के मामले में हर संभव कोशिश कर रही है, जिससे स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में चीन के दबदबे को खत्म किया जा सके। यही वजह है कि केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई मोबाइल कंपोनेंट से इंपोर्ट ड्यूटी को हटा दिया है। इसका सीधा असर घरेलू प्रोडक्शन में देखने को मिलेगा और
सरकार की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट कम करने की कोशिश
सरकार के मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार ने इससे पहले मोबाइल फोन असेंबली, प्रिटेंड सर्किट बोर्ड और कैमरा मॉड्यूल और यूएसबी केबल पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को में 2.5 फीसद की कटौती की थी। इस कटौती का सीधा संकेत है कि भारत ग्लोबल स्तर चीन को टक्कर देने का प्लान बना रहा है।
भारत की ग्लोबल ट्रेड में हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश
ग्लोबल ट्रेड में भारत चीन के मुकाबले में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है। यही वजह है कि स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट को कम करने के लिए स्मार्टफोन पार्ट्स से इंपोर्ट ड्यूटी को हटा रहा है, जिससे चीन के स्मार्टफोन के मुकाबले मेक इन इंडिया स्मार्टफोन को सस्ता बनाया जा सके।
भारत की रेकॉर्ड ग्रोथ
भारत के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने पिछले शानदार ग्रोथ दर्ज की है। पिछले 6 साल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग ने डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की है, जो साल 2024 में बढ़कर 115 बिलियन डॉलर हो गई है। इसकी वजह से आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन प्रोड्यूसर बन गया है। काउंटर प्वाइंट रिसर्च रिपोर्ट की मानें, तो साल 2024 में 23 फीसद रेवेन्यू के साथ लीडिंग स्मार्टफोन ब्रांड रहा है। इसके बाद 22 फीसद के साथ सैमसंग का नंबर आता है। पिछले साल के बजट में भी इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की गई थी। इसका मकसद ग्लोबल स्मार्टफोन बाजार में भारत की मजबूती को बढ़ाया जा सके। साथ ही कच्चे माल की शुल्क और प्रोडक्ट पर कम से कम टैरिफ लगाया जाए।