उत्तरकाशी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार पूरे ऑपरेशन में पहली प्राथमिकता है कि सुरंग में बंद 41 श्रमिकों को कैसे जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालना है।
रविवार को निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के पूरे ऑपरेशन के निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता श्रमिकों की रक्षा कैसे करें उनकी जो आवश्यकता है उनको कैसे मिले जो फूड है उनके पास पहुंच पाए इस पर तेजी से कार्य हो रहा है।
आने वाले समय में भोजन/ मेडिसिन पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी यह कार्य जल्द पूरा होगा। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की लाइन भी है। बात यह हैं कि उनकी रक्षा कैसे करें। बिजली की व्यवस्था , पानी की व्यवस्था यह सब सपोर्टिंग जितनी बातें उसकी भी व्यवस्था पूरी की गई है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढहने से सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्य (रेस्क्यू ऑपरेशन) का आज केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी ने मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के साथ स्थलीय… pic.twitter.com/7uoN405wbU
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) November 19, 2023
बहुत से मशीन पहुंचे हैं जो पहला प्रयास हमने ऑगर ड्रिल मशीन का शुरू किया जो अमेरिका में बनी हुई है वह एक मशीन काम कर रही दूसरी भी मशीन है पर वह मशीन वह अच्छा काम कर रही थी अचानक हार्ड मटेरियल आने के कारण थोड़ा सा चिंता का विषय हुआ उसका भी टेक्निकल सॉल्यूशन निकल गया है और वह मशीन जो है वह जो पाइप अंदर जाएगा वह आखरी तक पहुंच कर फिर वहां से लोगों को उसमें से बाहर निकलने का प्लान है उसमें ।
वर्टिकल भी तीन प्रकार के प्रयास है उसके भी हम कोई भी प्रयास ऐसा नहीं रखा जो हमको नहीं कर सकते हमने सब प्रकार के प्रयास किया पहले प्रायोरिटी है उनकी जान बचाना और जल्द से जल्द उनको बाहर निकलना है तो टेक्नोलॉजी अलग-अलग प्रकार की कम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से उनका प्रेजेंटेशन और उसका पूरी अभी तक का रिपोर्ट लिया है। राज्य सरकार और भारत सरकार ने जहां भी जरूरत होगी वहां एयरलिफ्ट या रोड बनाना रोड बनाना जो भी आवश्यकता होगी पूरी किया गई है। उन्होंने कहा कि यहां आपदा है जो बहुत बड़ी समस्या है।
उन्होंने कहा कि हिमालय की जियोलॉजी ऐसी है मैं महाराष्ट्र से हूं तो हमारे यहां पहाड़ का मतलब हार्ड पत्थर होता है, लेकिन हिमालय राज्य उत्तराखंड, हिमाचल की मिट्टी कुछ अलग है। यहां मिट्टी सॉफ्ट है इसको आईडेंटिफाई की है और उसके लिए भी परमानेंट सॉल्यूशन कैसे ढूंढा जाए उसमें उत्तराखंड के सरकार ने भी एक रिसर्च इंस्टीट्यूट खोला है।
मैं इतना ही बता सकता हूं यह जो ऑगर मशीन है अगर ठीक से चल गई तो हम दो से ढाई दिन में वहां तक पहुंच सकते हैं और वह भी प्रयास सबसे नजदीक होने वाला है पर इसके अलाओ अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। हमने वर्टिकल भी अंदर जाने के प्रयास पर कार्य कर रहे हैं।
इस दौरान केंद्र पर केंद्र सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य सचिव बीएससी सिद्धू आदि ने श्रमिकों के परिवार जनों को भी मिले उन्होंने परिवारजनों को हिम्मत देते हुए हर संभव सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकलने का आश्वासन दिया। इस दौरान आपदा सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रोबोट की मदद ली जाएगी। सुरंग में मशीनों के इस्तेमाल से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मलबा लगातार गिरने से रेस्क्यू में बाधा आ रही है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल एवं प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, मुख्य सचिव एसएस संधू , गंगोत्री क्षेत्र के विधायक सुरेश चैहान , भाजपा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा ,एनएचआईडीसीएल के निर्देशक, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ,पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, आदि मौजूद रहे हैं।