देहरादून: उत्तराखंड में हाल में ‘स्टेट डेटा सेंटर’ में मेलवेयर आने के कारण अस्थायी रूप से बंद प्रमुख सरकारी विभागों की वेबसाइट को रविवार को बहाल कर दिया गया। सूचना प्रोद्यौगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि ‘अपनी सरकार’, ‘ई-ऑफिस’, ‘ई-रवन्ना’ पोर्टल, चारधाम पंजीकरण जैसी प्रमुख वेबसाइट को बहाल कर दिया गया जबकि सीएम हेल्पलाइन और ‘स्टेट पोर्टल’ को शनिवार को ही बहाल कर दिया गया था।
उत्तराखंड के ‘स्टेट डेटा सेंटर’ पर यह साइबर हमला दो अक्टूबर को हुआ था जिस दिन गांधी जयंती के कारण सरकारी छुट्टी थी। साइबर हमले के कारण सरकार की कई महत्वपूर्ण वेबसाइट को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा था जिसके कारण अनेक विभागों में कामकाज प्रभावित हुआ था। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर उन्हें सोमवार तक सभी महत्वपूर्ण वेबसाइट और ऑनलाइन सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए थे ।
खंडेलवाल ने बताया कि साइबर हमले में डेटा के नुकसान का कहीं कोई मामला सामने नहीं आया और सभी डेटा सुरक्षित है । उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में पिछले दो दिन में लगभग 2034 कॉल्स में से 1879 को वापस दर्ज कर लिया गया है और 600 से अधिक शिकायतें दर्ज भी कर ली गयीं। मेलवेयर एक तरह का वायरस होता है जिसे डेटा चुराने के लिए कंप्यूटर आदि में डाला जाता है।
प्रदेश के सूचना प्रोद्यौगिकी सचिव नितेश झा ने बताया कि आईटीडीए के डेटा सेंटर में 1378 में से 11 मशीनों पर ही मेलवेयर का प्रभाव पड़ा था। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में डेटा सेंटर की कई बार ‘स्कैनिंग’ कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित सुरक्षा के लिए राज्य में अतिशीघ्र ‘साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स’ का गठन किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों से ऑनलाइन मंचों की सुरक्षा एवं विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन डेटा की पुन:प्राप्ति के लिए ‘डिजास्टर रिकवरी सेंटर’ की स्थापना करने को भी कहा । मुख्यमंत्री ने आईटीडीए में तकनीकी कार्य कर रही कंपनी की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया और कहा कि किसी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कंपनी पर कार्यवाही की जाए। धामी ने आईटीडीए को यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रत्येक सरकारी कार्यालय में ‘एंटी वायरस सिस्टम’ अपडेट हो जिससे इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
ऑनलाइन प्रणाली बंद होने से सरकारी विभागों में कुछ काम हाथ से किए जा रहे थे जबकि राशन कार्ड धारकों के सत्यापन सहित कई काम बंद पड़े थे । एक अधिकारी ने बताया कि इस बात की जांच भी शुरू कर दी गयी है कि इस हमले को कहां से और किन लोगों द्वारा अंजाम दिया गया ।