रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए राजधानी रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है. स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में राज्य में एक और बड़ी पहल की गई है, जिसमें स्कूलों के साथ-साथ उनमें पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के प्रदर्शन पर भी सीधी नजर रखी जाएगी. सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्प का विकास के साथ कॉल सेंटर के माध्यम से मॉनिटरिंग आई.आई.टी. भिलाई के सहयोग से की जाएगी.
रायपुर में बनाया गया विद्या समीक्षा केंद्र
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की ऑनलाईन मॉनिटरिंग और आंकड़ों के विश्लेषण करने के लिए रायपुर स्थित पेंशन बाड़ा में विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की गई है. इस केंद्र के माध्यम से शासन की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू और मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी. स्कूल और उनमें पढ़ने वाले एक-एक बच्चों के प्रदर्शन का रीयल टाइम ब्योरा मुहैया कराया जाएगा.
विद्या समीक्षा केंद्र से इन चीजों की होगी मॉनिटरिंग
विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना से शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित जानकारी और सुविधाओं को विद्यार्थियों, पालकों और शिक्षकों तक आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा. शालाओं में मूलभूत संरचनाओं की उपलब्धता, मरम्मत और उपयोगिता आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी. ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए उचित और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सके तथा बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके. इसके द्वारा शिक्षकों की पदस्थापना से सबंधित जानकारियों की भी मॉनिटरिंग की जा रही है.
विद्या समीक्षा केंद्र के अंतर्गत शिक्षकों का विवरण, यूडाइस डाटा, मध्यान्ह भोजन, शिक्षक प्रशिक्षण से सबंधित मॉनिटरिंग, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति, अधिकारियों के द्वारा शालाओं का निरीक्षण, विद्यार्थियों का मूल्यांकन आदि तथा केंद्र सरकार से संबंध शैक्षिक योजनाओं की नियमित ऑनलाइन मानिटरिंग की जाएगी. योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु सॉफ्टवेयर एवं एप्प भी तैयार किया जा रहे हैं. मॉनिटरिंग के लिए काल सेंटर स्थापित किया गया है. विद्यार्थियों, पालकों और शिक्षकों की शैक्षिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा.
एआई आधारित माड्यूल मिलेगी जानकारी
स्कूल में मूलभूत सुविधाएं जैसे शाला भवन, शौचालय, विद्युत् व्यवस्था आदि उपलब्ध है या नहीं. इसके संबंध में एआई आधारित माड्यूल के उपयोग से जानकारी प्राप्त की जा रही है. जानकारियों की सूची के साथ ही स्कूलों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं एआई के उपयोग से ही बच्चों को दी जाने वाली मध्यान्ह भोजन की जानकारी प्राप्त की जा रही है. एआई से ही मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत बच्चों को परोसी जानी वाली सामग्रियों की गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाएगा. जिससे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी.
विभिन्न पैरामीटर के आधार पर होगी शालाओं की रैंकिंग
एआई (Artificial Intelligence) के उपयोग से ही शिक्षकों के डाटा के विश्लेषण की सुविधा भी विद्या समीक्षा केंद्र के अंतर्गत तैयार की गई है. विषयवार शिक्षकों की जानकारी, अतिशेष शिक्षकों की जानकारी, एकल शिक्षकों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी. भविष्य में एआई के उपयोग से विद्यार्थियों के अकादमिक आंकलन/मूल्यांकन का विश्लेषण किया जाएगा. जिससे कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष फोकस किया जा सकेगा. शाला में उपलब्ध सुविधाएं, शिक्षकों की जानकारी और विद्यार्थियों के अकादमिक गतिविधियों के आंकड़े के आधार पर एआई आधारित विश्लेषण किया जाएगा. प्राप्त जानकारी और विभिन्न पैरामीटर के आधार पर शालाओं की रैंकिंग की जाएगी.
छत्तीसगढ़ के एआई-मॉड्यूल की शिक्षा मंत्रालय ने की सराहना
बता दें कि एन.सी.ई.आर.टी. के द्वारा 12-13 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में विद्या समीक्षा केंद्र के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया था. जिसमें छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के नोडल ऑफिसर शामिल हुए थे. उक्त कार्यशाला में विद्या समीक्षा केंद्र छत्तीसगढ़ द्वारा विकसित एआई-मॉड्यूल का जीवंत प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसकी भारत शासन, शिक्षा मंत्रालय द्वारा सराहना की गई. छत्तीसगढ़ के एआई-मॉड्यूल को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष कार्य करने और अन्य राज्यों के साथ साझा करने के संबंध में भारत शासन से ई-मेल प्राप्त हुआ है. शीघ्र ही एआई-मॉड्यूल को विकसित रूप भारत शासन, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.