देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन में विद्यालयी शिक्षा विभाग के कंटिन्युड लर्निंग एक्सेस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया और इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सचल ई-लर्निंग वाहन का फ्लैग ऑफ किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, निदेशक एनसीईआरटी प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी भी मौजूद रहे। उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग द्वारा एनसीईआरटी के मार्गदर्शन और कम्प्यूटर निर्माता कम्पनी एचपी के सहयोग से कंटिन्युड लर्निंग एक्सेस प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
Inaugurated the Continued Learning Access Project of the Education Department with Education Minister @drdhansinghuk at Raj Bhawan today and, flagged off the mobile #elearning vehicle under the project.
This project, initiated under the aegis of @ncert and in collaboration with… pic.twitter.com/CJmffudkGl
— LT GENERAL GURMIT SINGH (Retd) (@LtGenGurmit) August 16, 2023
प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार किए गए इस सचल ई-लर्निंग वाहन में इंटरनेट युक्त 120 लैपटॉप हैं, जिसमें शिक्षण अधिगम सामग्री संरक्षित है। यह वाहन सुदुरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के राजकीय विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक से कक्षा-12 तक के विद्यार्थियों को ऑनलाइन तथा ऑफलाइन, मोड़ में ‘‘डिजिटल अधिगम’’ उपलब्ध कराएगा।
वाहन में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित लर्निंग चैनल, दिशा और ई-पाठशाला उपलब्ध है। छात्र इसमें अधिगम के साथ-साथ स्वमूल्यांकन भी कर सकेंगे। यह वाहन वर्तमान में जनपद टिहरी के विद्यालयों में रूट चार्ट के आधार पर संचालित किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि एनसीईआरटी के विशेष प्रयासों से ई-कंटेट युक्त डिजिटल वाहन बच्चों को नवीन शिक्षण विधाओं तथा पाठ्यचर्चा से परिचित कराने में उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह वाहन तकनीकी के माध्यम से ज्ञान की ज्योति दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों तक पहुंचाएगा।
ई-लर्निंग के माध्यम से बच्चे नवीन ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं : Governor
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा को टेक्नोलॉजी के साथ मिलाया जाना अत्यन्त सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हमारे प्रत्येक छात्र नई तकनीकों को सीखें। राज्यपाल ने कहा कि किताबी ज्ञान के साथ-साथ कम्प्यूटर दक्षता और ई-लर्निंग के माध्यम से बच्चे नवीन ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह ई-एजुकेशन वाहन हमारे प्रदेश के दूरस्थ विद्यालयों में भ्रमण कर अपने शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त कराने में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाय कि इस तरह के ई-लर्निंग वाहन हमारे प्रत्येक ब्लॉक में हों।
राज्यपाल ने कहा कि हमें टेक्नोलॉजी स्किल और डिजिटल टेक्नोलॉजी पर विशेष जोर देकर कौशलों को प्राप्त करने की जरूरत है, जो हमें विकसित राष्ट्र के लक्ष्यों को पूरा करने में सहयोग करेगा। राज्यपाल ने इन प्रयासों के लिए निदेशक एनसीईआरटी तथा उनकी पूरी टीम का धन्यवाद किया, कि उन्होंने शिक्षण सामग्रीयुक्त डिजिटल वाहन के लिए उत्तराखण्ड राज्य को चुना है।
उन्होंने एचपी तथा सोसायटी फॉर ऑल राउंड डेवलपमेंट संस्था को भी धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने इस डिजिटल ई-वाहन के द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के लिए शैक्षिक अधिगम सामग्री उपलब्ध कराई है, वह निश्चित रूप से प्रदेश के बच्चों के लिए लाभकारी होगी।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गत वर्ष प्रदेश की रैंकिंग 35वें पायदान पर थी, जो इस वर्ष 17वें पायदान पर पंहुच गई है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास प्रदेश को टॉप 10 रैंकिंग में लाने का है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट में सहयोग करने वाले सभी स्टेकहोल्डर का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम में एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, एचपी के जोनल मेनेजर दीपक बजाज, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।