रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षित डीएड बीएड संघ और छत्तीसगढ़ी भाषा पीजी डिप्लोमाधारी संघ के आव्हान पर प्रदेश भर के बीपीएड, डीपीएड, बीपीई, एमपीएड प्रशिक्षित युवा 33000 शिक्षक भर्ती और छत्तीसगढ़ी शिक्षक भर्ती की मांगों को लेकर 22 जुलाई को नया रायपुर तुता में धरना प्रदर्शन किया।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा 57000 शिक्षक के पद और विधान सभा में 33000 शिक्षक भर्ती बात घोषणा किया गया। लेकिन आज तक भर्ती की घोषणा करने बावजूद नही निकाला जिसके विरोध में यह आंदोलन किया गया। साथ में विष्णुदेव साय सरकार के द्वारा नवा शिक्षा नीति में स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई लिखाई शुरू करने का प्रावधान किया गया। आज छत्तीसगढ़ राज्य बने लगभग 24 वर्ष हो गए लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा को नही अपनाया गया। नया शिक्षा नीति 2020 में बना 4 वर्ष हो गए हैं जिसे 2024 में लागू किया गया, छत्तीसगढ़ी शिक्षक भर्ती तत्काल भरने की अपील की गई।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी सत्ता के नशे में चूर 1% लायक और 99% नालायक वाले बयानों से भड़के युवाओं के द्वारा जवाब दिया गया तथा इस्तीफे की मांग की गई और जब विधान सभा घेराव करने निकले तो पुलिस प्रशासन द्वारा रोका गया। संघ द्वारा मांग पूरी नहीं होने पर 15 दिवस की भीतर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। सभी ने एक स्वर में कहा कि अभी तो ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है यह नारा दिया और आवाज बुलंद की।
एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और विधान सभा घेराव में छत्तीसगढ़ी भाषा पीजी डिप्लोमा धारी पदाधिकारियों में संयोजक डामेंद्र, सचिव अजय कुमार, कोषाध्यक्ष नीरज, संरक्षक गजेन्द्र कुमार साहू, बीरसोनकर, आरती, शिवरानी, सुरुचि सहित संघ के सदस्य शामिल हुए।