बागेश्वर l उत्तराखंड के नौजवानों के दिल में भारतीय सेना के प्रति कितना सम्मान और आदर है इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि इस बार भी भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने वाले उत्तराखंड के 37 नौजवान है। इनमें से एक वीर जांबाज़ है बागेश्वर के कपकोट के रहने वाले भरत फर्स्वाण। भरत ने सेना अफसर की वर्दी पहनी और उनके कंधों पर सितारे सजे हैं। उनकी इस उपलब्धि से उनके गृह क्षेत्र में खुशी की लहर फैल गई है।
भरत गरीबी में पले बढ़े हैं लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी का एक लक्ष्य तय किया था। भरत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता हरीश भरत फर्स्वाण, माता पार्वती देवी और अध्यापकों को दिया है। भरत परिवार में सबसे छोटे हैं। उनके दो भाई और एक बहन है। भरत के पिता हरीश भरत फर्स्वाण कपकोट में एक छोटा सा रेस्टोरेंट चलाते हैं। इसके अलावा उनका बड़ा भाई दीपक होटल मैनेजमेंट करने के बाद नोएडा में एक होटल में कार्यरत है।
उनकी बहन दीपा नर्सिंग का काम करती हैं। भरत की प्राथमिक शिक्षा मां ठाकुरेर शिशु लीला कपकोट में हुई थी। इसके बाद उन्होंने कक्षा 6 से कक्षा 12 तक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से पढ़ाई की। कक्षा 10 में भारत ने 90 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए थे और कक्षा 12 में 74 फ़ीसदी अंकों के साथ वह उत्तीर्ण हुए। उन्होंने अपनी जिंदगी का एक ही लक्ष्य तय किया था और वह था सेना में जाना। 12वीं पास करते ही 2017 में भरत ने पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा पास कर ली थी। 2017 से 2020 तक हो इलाहाबाद स्थित डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग करते रहे। इसके बाद उन्होंने अंतिम 1 साल इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किया। आज भारत के कंधों पर सितारे सजाए हैं और वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।
खबर इनपुट एजेंसी से