पटना: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी नेताओं की हाई-प्रोफाइल बैठक है। देशभर के सियासी महारथी इसमें शामिल हो रहे। इस बीच बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, ये महत्वपूर्ण नहीं है। सत्ता से भाजपा-आरएसएस को हटाने के बाद नेतृत्व के सवाल को सामूहिक रूप से सुलझाया जा सकता है। अखिलेश सिंह ने जल्द ही एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करने की जरूरत बताया। उन्होंने दावा किया कि जब विपक्षी दल एकजुट होकर अगले साल होने वाले आम चुनाव लड़ेंगे तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष का ये बयान 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा-विरोधी मोर्चा बनाने की रूपरेखा तैयार करने के लिए विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को होने वाली अहम बैठक से पहले आया है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी एकता का केंद्रीय स्तंभ है। यहां (पटना) होने जा रही बैठक और आगे अन्य बैठकों में राजनीतिक दलों के बीच छोटे-मोटे मतभेदों को दूर कर लिया जाएगा।
पीएम उम्मीदवार पर ये दिया जवाब
अखिलेश प्रसाद सिंह ने विपक्षी दलों की बैठक के संदर्भ में कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी नेता साथ बैठेंगे। आगे बढ़ने के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान निकलेगा। विपक्ष के पास प्रधानमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं होने संबंधी भाजपा की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैं आपको 2004 में ले जाना चाहूंगा, जब मनमोहन सिंह हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के चेहरे के बिना एक गठबंधन के साथ भाजपा को हराया था, जब (अटल बिहारी) वाजपेयी हार गए तो मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने और 10 साल लगातार इस पद पर रहे।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, सभी विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। हमें विश्वास है कि भाजपा 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी।