भोपाल l भोपाल में जेपी अस्पताल के डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव के साथ अभद्रता और दुर्व्यवहार करना पूर्व मंत्री पी सी शर्मा और उनके समर्थक पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान को भारी पड़ गया. पुलिस ने इस मामले में पीसी शर्मा और गुड्डू चौहान के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली (FIR) है. हबीबगंज थाना पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में एफआईआर की है.
दो दिन पहले पहले पूर्व मंत्री और पूर्व पार्षद ने जे पी हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीवास्तव के साथ अभद्र व्यवहार किया था. श्रीवास्तव के इस्तीफा देने पर मामले ने तूल पकड़ा था. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले में ट्वीट किया था. जेपी हॉस्पिटल के सीएमएचओ आरके श्रीवास्तव के लैटर और डॉक्टर के इस्तीफे वाले पत्र के बाद हबीबगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
ये है पूरा मामला…
जे पी अस्पताल में एक युवक को उसके परिवार वाले गंभीर हालत में लेकर पहुंचे थे. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसी मौत के बाद युवक और उसके परिवार के साथ पूर्व मंत्री पी सी शर्मा और उनके समर्थक चौहान अस्पताल पहुंचे. वहां पर उन्होंने जमकर हंगामा किया.
इस्तीफे में ये कहीं बात…
उस हंगामे के बाद सिविल सर्जन जेपी अस्पताल को लिखे अपने इस्तीफे में डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि श्री शाक्य को गंभीर अवस्था में 12:30 बजे अस्पताल में लाया गया. उनकी ऑक्सीजन 30 थी. उनका 8 से 10 दिन से इलाज चल रहा था. मरीज के आते ही उनके साथ वालों ने स्थिति स्पष्ट कर दी थी. अस्पताल में कोविड वॉर्ड में बेड उपलब्ध नहीं थे. उसकी हालत बाहर शिफ्ट करने की नहीं थी. उनका इलाज पूरे प्रोटोकॉल के साथ किया गया. परंतु उन्हें बचाया नहीं जा सका. मृत्यु के बाद कुछ बाहरी लोगों ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. मेरे साथ गाली गलौज की. इससे मैं मानसिक रूप से बहुत दुखी होकर नौकरी से इस्तीफा दे रहा हूं.
मुझे रोना आ गया…
इस्तीफा देने वाले डॉक्टर योगेंद्र गुप्ता श्रीवास्तव ने यह भी कहा इस घटना के बाद मैं बहुत आहत हूं. मैं इस कोरोना काल में लगातार नौकरी कर रहा हूं. नोडल अधिकारी भी हूं. लेकिन इसके बावजूद यदि इस तरीके का व्यवहार किया जाएगा तो हम नौकरी कैसे करेंगे. मुझे रोना आ रहा है और मैं इसी से दुखी होकर इस्तीफा दे रहा हूं.