नई दिल्ली। कांग्रेस के चर्चित चेहरे और केरल के सांसद शशि थरूर पार्टी में अपने सहयोगियों के निशाने पर हैं। बुधवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कुछ नेताओं ने शशि थरूर को लेकर शिकायत की। पार्टी नेताओं का कहना था कि थरूर ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर जो रुख अपनाया, वह पार्टी की लाइन से अलग है।
सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पार्टी ने इस बारे में ‘क्लियर मैसेज’ दे दिया है कि मौजूदा हालात में नेताओं को पार्टी लाइन से अलग जाकर अपने विचार नहीं रखने चाहिए। AICC की प्रेस ब्रीफिंग में शशि थरूर की टिप्पणी को लेकर पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “जब थरूर बोलते हैं तो यह उनका मत होता है ना कि पार्टी का स्टैंड।”
ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की
याद दिलाना होगा कि शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की थी और कहा था कि भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक बहुत ही सुनियोजित और सोच-समझकर की गई थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता किए जाने को लेकर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
इंडिया टुडे के मुताबिक, पार्टी के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि पार्टी में लोकतंत्र है और सभी को बोलने की आजादी है लेकिन थरूर ने इस बार लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। एक सूत्र के मुताबिक, थरूर ने अपने बयान का बचाव किया और वह बैठक के बीच में से ही चले गए।
थरूर ने लड़ा था खड़गे के खिलाफ चुनाव
याद दिलाना होगा कि शशि थरूर ने 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी अध्यक्ष चुने गए थे। तब यह कहा गया था कि थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़कर एक तरह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और गांधी परिवार के सामने चुनौती पेश कर दी थी। कुछ दिन पहले ही शशि थरूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
थरूर को लेकर यह अटकलें लगती रहती हैं कि क्या वह लंबे वक्त तक कांग्रेस में रहेंगे?