भोपाल: मध्य प्रदेश की राजगढ़ पुलिस विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हेड कॉन्स्टेबल देवेंद्र मीणा को बर्खास्त कर दिया है। मीणा ने एसपी आदित्य मिश्रा और ब्यावरा सिटी थाने के टीआई वीरेंद्र धाकड़ को जान से मारने की धमकी दी थी। करीब 43 दिन की जांच के बाद यह फैसला लिया गया।
क्या है मामला
यह मामला 10 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ, जब मीणा ने सीनियर अधिकारियों को धमकी भरे संदेश भेजे। इसके बाद धमकी भरा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। हालांकि, उन्होंने 17 पन्नों का माफीनामा लिखा, लेकिन इसके बावजूद टीआई को सोशल मीडिया पर धमकियां देना जारी रखा।
विवाद की जड़ मीणा का ब्यावरा सिटी थाने से एसडीओपी ऑफिस में ट्रांसफर था। उन्होंने नए अपॉइंटमेंट पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया, जिसके कारण टीआई धाकड़ ने उनकी गैरहाजिरी लगाई। इसी बात से नाराज होकर मीणा ने अधिकारियों को धमकियां देना शुरू कर दिया। मीणा ने एसपी मिश्रा और टीआई धाकड़ को धमकी भरे मैसेज वॉट्सऐप पर भेजे थे।
धमकी भरे मैसेज आने के बाद एसपी मिश्रा ने मीणा को 10 दिसंबर को सस्पेंड कर दिया था। अगले दिन देवेंद्र मीणा एसपी ऑफिस रिजाइन देने पहुंच गया था। हालांकि, यहां कुछ घंटे रुकने के बाद बिना रिजाइन दिए चला आया था। इसके बाद फिर एक बार उसकी चैट सामने आई थी, जिसमें उसने एक फिल्म की लिंक शेयर कर लिखा था कि इस तरह की फिल्म देखकर ही मैंने आगर-मालवा के आईपीएस समेत सीनियर अधिकारियों की बेइज्जती की थी।
आपको बता दें, जांच में यह भी सामने आया कि मीणा का अतीत विवादों से भरा रहा है। आगर मालवा सहित अन्य जिलों में तैनाती के दौरान भी वे आईपीएस अधिकारियों को धमकियां दे चुके हैं। उनकी कार्यप्रणाली में बच्चों के साथ वीडियो बनाकर प्रभावित करने का प्रयास करना भी शामिल था।
माफी के नाम पर नौटंकी
मामले को दबाने के लिए देवेंद्र मीणा ने 148 पन्नों का हाथ से लिखा था। इतना ही नहीं, मीणा ने अपने बचाव में कई बातें सोशल मीडिया पर डालीं। लेकिन 1 जनवरी 2025 को उसने फिर से धमकी भरे मैसेज टीआई वीरेंद्र धाकड़ को भेज दिए।
इसके बाद सस्पेंड हेड कॉन्स्टेबल का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने कहा कि मेरे बच्चों, ये लास्ट मुलाकात है मेरी। मैं मारूंगा या मरूंगा। बेटी, मैं सही बोल रहा हूं। जब मैं मर जाऊं तो मेरा नाम बदनाम मत करना। मेरा नाम रोशन करना।
जांच में दोषी साबित
एसडीओपी नरसिंहगढ़ ने इस मामले की जांच पूरी कर सभी सबूत और बयान एसपी को सौंपे। इसके अलावा जांच में देवेंद्र मीणा पर अनुशासनहीनता के आरोप साबित हुए। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए उसे स्थायी रूप से बर्खास्त करने का फैसला लिया।