मुंबई l HDFC बैंक ने ग्राहकों को फाइनेंशियल फ्रॉड्स से बचाने और उन्हें जागरुक करने के लिए खास कैंपेन की शुरुआत की है। सोमवार से शुरू हुए इस कैंपेन का नाम ‘Mooh Band Rakho’ (मुंह बंद रखो) है। कैंपेन का यह सेकंड एडिशन है और बैंक ने इसे इंटरनैशनल फ्रॉड अवेयरनेस वीक 2021 के सपोर्ट में लॉन्च किया है। कैंपेन ग्राहकों के मन में सभी तरह के फ्रॉड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बैंक की खास पहल है।
अगले चार महीनों में 2 हजार से ज्यादा वर्कशॉप
इस कैंपेन के तहत कंपनी अगले चार महीनों में 2 हजार से ज्यादा वर्कशॉप का आयोजन करेगी। इसमें देशभर के ग्राहकों को फाइनेंशियल फ्रॉड्स से बचने के तरीके बताए जाएंगे। कैंपेन में ग्राहकों को याद दिलाया जाएगा कि उन्हें किसी के साथ भी अपनी निजी जानकारी और बैंकिंग डीटेल्स को शेयर नहीं करना है। बैंक इस कैंपेन में युवाओं पर खास फोकस करने वाला है। इसके लिए बैंक सीनियर सेकंडरी स्कूलों और कॉलेजों को टारगेट करेगा ताकि इस जागरूकता अभियान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके।
वीकडेज और ऑफिस टाइम के दौरान होते हैं फ्रॉड
बैंक ने कहा, ‘महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक डिजिटल फ्रॉड्स में काफी बदलाव आया है। आज जालसाज लोगों के भरोसे को जीतने के लिए काफी स्मार्ट बन गए हैं। आमतौर पर ऐसे फ्रॉड वीकडेज और ऑफिस टाइम के दौरान ही किए जाते हैं, ताकि ग्राहकों को यह आसानी से विश्वास दिलाया जा सके कि कॉल किसी जालसाज ने नहीं बल्कि बैंक एग्जिक्यूटिव ने ही की है।’
22 से 50 साल की उम्र के बीच के ग्राहक भी बन रहे शिकार
एचडीएफसी बैंक के फ्रॉड डिस्प्यूट टाइम ऐनालिसिस में खुलासा हुआ है कि इस वित्त वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में 65 से 70 प्रतिशत साइबर फ्रॉड्स को सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे के बीच अंजाम दिया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जालसाज केवल बुजुर्ग नागरिकों को ही अपना शिकार नहीं बनाते। बैंक की ऐनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार ठगी का शिकार होने वाले 80 से 85 प्रतिशत ग्राहक 22 से 50 साल की उम्र के बीच के थे।
खबर इनपुट एजेंसी से