गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के जिन अस्पतालों में मानकों के अनुरूप आग बुझाने के संसाधन नहीं हैं। ऐसे सभी 103 अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के अंतर्गत सभी अस्पतालों को मानक के अनुरूप आग बुझाने के उपकरण लगाने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया गया है। नोटिस के मुताबिक अगर 1 सप्ताह के भीतर मानकों के अनुरूप आग बुझाने के उपकरण नहीं लगाए गए, तो उनके रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जाने की भी चेतावनी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले 154 अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किया था। इनमें से कुछ अस्पताल संचालकों ने आग बुझाने के उपकरण लगवा लिए हैं। लेकिन अभी भी तमाम ऐसे अस्पताल हैं, जिन्होंने मानकों के अनुरूप आग बुझाने का पर्याप्त इंतजाम नहीं किया है।
बड़ी संख्या में अस्पतालों में नहीं है आग बुझाने के संसाधन
लखनऊ में होटल में हुए हादसे के बाद से गाजियाबाद अग्निशमन विभाग भी पूरी तरह से सतर्क हो गया है। जिसके चलते तमाम बहुमंजिला इमारतों वाली सोसाइटी अस्पताल और होटल की गहन जांच की जा रही है। जहां पर भी आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है। इस सर्वे में गाजियाबाद के तमाम ऐसे अस्पताल भी सामने आये जहां पर मानकों के अनुरूप आग बुझाने के संसाधन नहीं है। ऐसे अस्पतालों की लिस्ट स्वास्थ्य विभाग को मिली तो स्वास्थ्य विभाग ने 154 अस्पतालों को नोटिस जारी किया। इनमें से ज्यादातर अस्पतालों में आग बुझाने के उपकरण लगवाएं हैं। लेकिन अभी भी 103 अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर आग बुझाने के उपकरण नहीं लगे हैं। इन सभी अस्पताल संचालकों को अब फिर से नोटिस जारी किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने 103 अस्पतालों को जारी किया नोटिस
गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भवतोष शंखधर ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों का सर्वे किया गया है। जिन अस्पतालों में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं है। ऐसे सभी अस्पतालों को नोटिस जारी कर उन्हें 1 सप्ताह का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी 154 अस्पतालों को नोटिस जारी किया था। उनमें से कुछ अस्पताल संचालकों ने तो मानकों को पूरा करते हुए आग बुझाने के उपकरण लगवा लिए हैं। लेकिन अभी भी कुछ ऐसे अस्पताल हैं, जिन्होंने मानक पूरे नहीं किए हैं। फिलहाल 103 अस्पताल ऐसे पाए गए हैं, जिनमें आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं है। उन्होंने बताया कि 1 सप्ताह में इंतजाम पूरे न करने पर सभी संबंधित अस्पताल का पंजीकरण निरस्त करने पर भी विचार किया जाएगा।