देहरादून। उत्तराखण्ड में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में जब कोरोना ने अपना विराट रूप ले रखा था तो स्वास्थ्य महकमा लचर हो रखा था और आम इंसान को स्वास्थ्य महकमे को लेकर बडी नाराजगी पनप रही थी कि जब सरकार के सरकारी अस्पतालों में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है तो फिर सरकार अस्पतालों को मिलने वाला अनुदान आखिरकार कहां जाता है?
कोरोना काल में उत्तराखण्ड के सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज न मिलने का खूब ढोल बजा था और उसके बाद पूर्व सरकार ने जो कोरोना को लेकर व्यवस्थायें की थी वह भी एक आम आदमी को रास नहीं आई थी? कोरोना काल में पूर्व सरकार का सिस्टम इस घातक बीमारी से लचर दिखाई दिया था और उसके बाद राज्य के अन्दर कोरोना से मरने वालों की संख्या से यह सवाल खडा हुआ था कि आखिरकार सरकार अगर कोरोना को लेकर अलर्ट मोड मे होती तो शायद बहुत जानें बचाई जा सकती थी?
अब जिस तरह से कोरोना की मामलों में बढोत्तरी होने की आशंकायें प्रबल हो रही है उसको लेकर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को कोरोना से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया है जिसके बाद से ही राज्य के स्वास्थ्य सचिव रात-दिन अलर्ट मोड मे हैं और वह कितने अलर्ट हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अगर कोई आम इंसान भी उन्हें रात बारह बजे कॉल करता है तो वह अपने फोन पर आने वाली कॉल को सुनने के लिए आगे बढ़ जाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह स्वास्थ्य महकमें को चौबीस घंटे कितनी गंभीरता से लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को खुला संदेश दिया है कि कोविड से धबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार कोविड को लेकर अलर्ट है और सरकार ने सभी अस्पतालों में कोविड वार्ड को लेकर अपनी पूरी रणनीति तैयार कर रखी है जिससे कि कोई भी संदिग्ध मरीज इलाज के लिए आये तो उसे बेहतर इलाज देकर ठीक किया जाये।
उत्तराखण्ड़ में एक बार फिर कोविड के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। आज सचिव स्वास्थ्य डा० आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में राज्य में कोविड संक्रमण की रोकथाम और चारधाम यात्रा को सुरक्षित तरीके से संचालित करने के संबंध में कई अहम निर्देश भी दिये गये।
स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु चारधाम यात्रा में हिस्सा लेने आ रहे हैं, ऐसे में संक्रमण के फैलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए सभी एंट्री प्वाइंट्स पर मेडिकल टीमों की तैनाती, स्क्रीनिंग, इमरजेंसी मेडिकल सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी जिलों में अस्पतालों को कोविड के लिहाज से तैयार रखा जाए। कोविड बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों और टेस्टिंग की सुविधा को एक्टिव मोड में रखा जाए। सचिव ने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान भी तेज किया जाए। लोगों को भीड़भाड़ से बचने के लिए प्रेरित किया जाए।
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि चारधाम यात्रा के संचालन और कोविड नियंत्रण दोनों सरकार की प्राथमिकता हैं। इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही मेडिकल कैम्प, एंबुलेंस और क्वारंटीन सेंटर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा० धन सिंह रावत ने कोविड के संभावित बडे खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य सचिव डा० आर राजेश कुमार को समूचे राज्य के सरकारी अस्पतालों में तैनात सीएमओ, सीएमएस और डाक्टर, नर्सों को भी अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया है।