इस बार हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा आसान हो गई है। भ्यूंडार में हेम गंगा पर निर्मित 135 मीटर लंबे स्टील गार्डर पुल के दोनों ओर एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद पुल से आवाजाही भी शुरू हो गई है। यात्रा के दौरान इस बार तीर्थयात्री इसी पुल से आवाजाही करेंगे। इसके साथ ही 13 किलोमीटर पैदल मार्ग का सुधारीकरण कार्य भी पूरा हो गया है।
वर्ष 2013 की जलप्रलय के दौरान हेम गंगा में बाढ़ आने से यात्रा का पैदल पुल बह गया था। तब से हेमकुंड साहिब तक जाने के लिए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को हेम गंगा के किनारे से जान जोखिम में डालकर लकड़ी के पुल से आवाजाही करनी पड़ रही थी। वर्ष 2014 में रुफ एंड ब्रिज कंपनी को यहां 135 मीटर लंबे स्टील गार्डर पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया। शासन ने इसके लिए 20.73 करोड़ स्वीकृत किए। वर्ष 2021 में पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ, लेकिन एप्रोच रोड का निर्माण नहीं हो पाया।
इस वर्ष लोक निर्माण विभाग ने यहां करीब 500 मीटर एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूर्ण कर पुल को मुख्य मार्ग से जोड़ लिया है। गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि भ्यूंडार में पुल तक एप्रोच रोड बनने से इस बार तीर्थयात्रा का संचालन इसी पुल से होगा।
लोनिवि के ईई सुरेंद्र सिंह पटवाल ने बताया कि हेमकुंड साहिब मार्ग पर भ्यूंडार, पुलना, घांघरिया व अन्य स्थानों में पैदल रास्ते का सुधारीकरण, रेलिंग और पार्किंग स्थल का निर्माण कार्य कर लिया गया है। बता दें कि हेमकुंड साहिब में इन दिनों भारी बर्फ जमा है। हेमकुंड साहिब का प्रमुख पड़ाव घांघरिया भी इन दिनों बर्फ से पूरी तरह ढका हुआ है। घांघरिया में भी आस्था पथ पर बर्फ जमी है। टीम यात्रा शुरू होने से पहले बर्फ हटाने में जुटी है।