दमोह: जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक में आने वाले नरगवा गांव के लोगों ने भी नशा मुक्ति का संकल्प लिया। मंगलवार दोपहर हनुमान मंदिर में पूजन के बाद शराब न पीने और शराब विक्रय न करने का संकल्प लिया। अभी तक करीब 25 गांव नशा मुक्त हो गए हैं और यहां पूर्ण रूप से शराब बंदी हो चुकी है।
बिखर रहे थे परिवार
ग्राम नरगवा में भी शराब के सेवन के कारण परिवार बिखर रहे थे और आए दिन विवाद होते थे। जिसके बाद ग्रामीणों ने तय किया गांव में शराबबंदी होनी चाहिए। इसलिए गांव में विराजमान हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष कसम खाने के लिए बैठक बुलाई। क्योंकि नरगवा गांव के हनुमान मंदिर में आसपास के गांव के लोगों की भी अटूट आस्था है।
जब नरगवा के लोगों ने इतना बड़ा फैसला लिया तो उसके लिए सभी लोग पहले हनुमान मंदिर पहुंचे। जहां पूजा अर्चना की उसके बाद सभी की सहमति मिलने के बाद गांव नशा मुक्त होने की घोषणा की। यह भी तय हुआ यदि कोई इस नियम को तोड़ेगा तो उस पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। बैठक में तेंदूखेड़ा टीआई विजय अहिरवार भी पहुंचे। जिन्होंने ग्रामीणों द्वारा लिए गये फैसले की सराहना करते हुये सभी को धन्यवाद दिया।
400 ग्रामीण हुए शामिल
नरगवा मंदिर में आयोजित बैठक में ग्राम नरगवा के बड़े बुजुर्ग और जनप्रतिनिधि के साथ करीब 400 ग्रामीण भी शामिल हुए। जिन्होंने सभी आपसी मतभेद भुलाकर ग्राम हित में फैसला लेते हुये नरगवा गांव को नशा मुक्त घोषित करने की बात कही।
बैठक के दौरान सांसद प्रतिनिधि मुरत सिंह लोधी भी मौजूद रहे। जिन्होंने बताया कि यह फैसला गांव और समाज हित के लिए बहुत जरूरी था। नशा व्यक्ति को बर्बाद कर देता है। नशे के बिना लोग एक दूसरे के सुख दुख में खड़े रहते है, लेकिन यदि व्यक्ति नशे में रहता है तो विवाद की स्तिथि पैदा होने लगती है।
टीआई विजय अहिरवार ने ग्रामीणों द्वारा लिए गये फैसला की सराहना की और कहा नशे से घर, गांव बर्बाद हो जाते है। नशे में ऐसी घटनाये हो जाती है जिसका पछतावा जीवन भर रहता है। नशामुक्त होने से अपराधों पर भी अंकुश लगेगा।