नई दिल्ली: ईक्वटेड मन्थली इंस्टॉलमेंट यानि ईएमआई. इसके बारे में तो आपने सुना ही होगा. जब भी हम कोई सामान खरीदते हैं और उसकी फुल पेमेंट नहीं कर पाते तो ईएमआई की मदद ले सकते हैं. यानि किस्तों में रकम अदा कर हम सामान खरीद सकते हैं. आमतौर पर लोग महंगे सामानों को खरीदने के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि रिश्वत भी ईएमआई पर ली और दी जाती है. गुजरात में ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां सरकारी अधिकारी रिश्वत के मामले में पीड़ितों पर ऐसे रहम खा रहे हैं, जैसे उन पर कोई एहसान हो.
गुजरात में इस साल ईएमआई पर रिश्वत के 10 सनसनीखेज मामले सामने आए हैं. पीड़ितों को एक ही बार में रिश्वत देने में बोझ न लगे, इसलिए ये अफसर किस्तों में ईएमआई पर घूस ले रहे हैं. ईएमआई के जरिए रिश्वत के गुजरात में कुछ मामले गौर करने लायक हैं.
एक न्यूज एजेंसी की मानें तो इसी साल मार्च महीने में स्टेट जीएसटी फर्जी बिलिंग घोटाले में एक एक शख्स से 21 लाख की घूस मांगी गई. इस रिश्वत की रकम को 2 लाख रुपये की नौ ईएमआई और 1 लाख रुपये की एक ईएमआई में बांटा गया. रिश्वत मांगने वाले अधिकारी की ओर से ऐसा इसलिए किया गया, ताकि पीड़ित शख्स को 21 लाख की रिश्वत देने में बोझ महसूस न हो.
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो EMI पर दो रिश्वत
4 अप्रैल को सूरत में डिप्टी सरपंच और तालुका पंचायत सदस्य ने गांव के ही एक शख्स से खेत को समतल करवाने के लिए 85000 रुपये की रिश्वत मांगी. जिस शख्स से रिश्वत मांगी गई, उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसकी तंग आर्थिक स्थिति को देखते हुए आरोपियों ने थोड़ी सी रहम खाई. उन्होंने उस शख्स के सामने ईएमआई का विकल्प दिया. इस हिसाब से उसे 35,000 रुपये पहले और बाकी के बचे पैसे तीन बार में करके देने थे.
पुलिस में भी भ्रष्ट अफसर
गुजरात के साबरकांठा में भी दो भ्रष्ट पुलिसकर्मियों ने कुछ ऐसा ही कांड किया. उन्होंने साबरकांठा के एक शख्स से 4 लाख रुपए की रिश्वत ली और नौ दो ग्यारह हो गए. जिस शख्स से 4 लाख रुपए की रिश्वत ली गई, उसे 10 लाख रुपए की रिश्वत देनी थी. ये 4 लाख रुपए उसकी पहली किस्त थी. ठीक इसी तरह के एक दूसरे केस में एक साइबर क्राइम पुलिस अफसर ने एक शख्स से 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी. उसने इन 10 लाख रुपये को चार किस्तों में बांट दिया. एसीबी के निदेशक और डीजीपी (कानून व्यवस्था) शमशेर सिंह ने कहा कि उनके पास जितने भी केस आए हैं, उनकी रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है. ऐसा अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.