हर राज्य और जिले में अलग-अलग तरह की मान्यताएं होती हैं. मंदिर में अक्सर लोग पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने आते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि मंदिर में आकर मूर्ति चोरी करने की भी मान्यता है. जी हां, राजस्थान के हिंडौली जिले में एक ऐसी मान्यता है, जिसके बारे में सुनने के बाद आपके होश फाख्ता हो जाएंगे. बीते मंगलवार को महाशिवरात्रि थी, यहां पर मौजूद कई भक्तों ने शिव आराधना की.
हालांकि, शिवरात्रि से पहले मंदिर में माता पार्वतीजी की मूर्ति किसी ने चोरी कर ली थी. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और किसी ने पता लगाने की कोशिश क्यों नहीं की? चलिए हम बताते हैं कि आखिर इस मंदिर में क्या मान्यता है.
इस मंदिर में पार्वतीजी की मूर्ति हो जाती है चोरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रघुनाथघाट के शिव मंदिर में इस बार के महाशिवरात्रि पर महादेव अकेले रह गए, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो भी कुंवारा होता है वह इस मंदिर से पार्वतीजी की मूर्ति को चोरी कर लेता है. इसके बाद जब शादी हो जाती है तो पत्नी के साथ मंदिर में आकर मूर्ति वापस रख जाते हैं. इसके बाद जिसकी शादी नहीं हो रही होती है तो वह फिर से मूर्ति चोरी कर लेता है. पिछले महीने ही 18 फरवरी को मंदिर में पार्वतीजी की मूर्ति वापस आई थी और महाशिवरात्रि से पहले 22 फरवरी को माता पार्वती की मूर्ति चोरी हो गई. इस मंदिर में भगवान शंकर एक बार फिर अकेले ही रह गए.
शादी के बाद पत्नी संग आकर रख जाते हैं मूर्ति
मंदिर के पुजारी परशुराम पराशर ने मीडिया को बताया कि पार्वतीजी की मूर्ति एक साल बाद वापस आई है. हालांकि, जो भी मंदिर से मूर्ति चोरी करता है, उसकी जानकारी हो जाती है लेकिन पुलिस से कोई शिकायत नहीं की जाती. अब तक 12 से अधिक लोगों की शादी हो चुकी हैं. न सिर्फ हिंडौली बल्कि आस-पास के जिले से भी पार्वतीजी की मूर्ति चोरी करने के लिए लोग आते हैं. एक भक्त ने बताया कि मूर्ति की उम्र 60 साल से अधिक की हो चुकी है. मूर्ति की साइज करीब एक फिट की है, जिसे आसानी से बैग में रखा जा सकता है. मंदिर में मूर्ति चोरी के बाद खाली जगह पर चोला रख दिया जाता है. माना जाता है कि मूर्ति चोरी करते वक्त किसी को भी जानकारी नहीं होनी चाहिए.
खबर इनपुट एजेंसी से