नैनीताल l चारधाम यात्रा पर निकलने की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। फिलहाल चारधाम यात्रा पर रोक लागू रहेगी। नैनीताल हाईकोर्ट ने अग्रिम आदेश तक चारधाम यात्रा पर रोक लगाने का आदेश दिया है। बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरों को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान चारधाम यात्रा का मुद्दा भी उठा। उम्मीद थी कि कोर्ट की तरफ से राहत मिल जाएगी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में यात्रा को लेकर फैसला नहीं होता, तब तक चारधाम यात्रा पर रोक जारी रहेगी।
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने को कहा। दो अगस्त से उत्तराखंड में कक्षा 6 से 12वीं तक के स्कूल खुलने वाले हैं, कोर्ट में इसे लेकर भी चर्चा हुई। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का आधार है। श्रद्धालु और पुरोहित चारधाम यात्रा को शुरू करने के पक्ष में हैं।
जनभावनाओं को ध्यान में रख राज्य सरकार ने भी 1 जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सुरक्षित यात्रा से जुड़े हर पहलू और तैयारी को लेकर कोर्ट को रिपोर्ट देने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि महाकुंभ का उदाहरण हमारे सामने है।
इस आयोजन के बाद देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का तेजी से प्रसार हुआ। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है, ऐसे में चारधाम यात्रा कैसे शुरू की जा सकती है। इस तरह कोर्ट ने चारधाम यात्रा को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। फिलहाल यात्रा पर रोक जारी रहेगी। चारधाम यात्रा शुरू नहीं होगी, लेकिन राज्य सरकार ने चारधाम और अन्य पर्यटक स्थलों के बंद होने के कारण परेशानी झेल रहे पर्यटन व्यवसायियों के लिए 200 करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान जरूर किया है। इससे प्रदेशभर के 163661 लोग लाभान्वित होंगे।
खबर इनपुट एजेंसी से