भोपाल: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि स्कॉच-व्हिस्की खरीदने वाले लोग पढ़े-लिखे होते हैं और वो समाज के समृद्ध वर्ग से आते हैं. कोर्ट ने गुरुवार को कहा, वे दो अलग-अलग ब्रांडों की बोतलों के बीच आसानी से अंतर कर सकते हैं. बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि जेके एंटरप्राइजेज अपनी शराब की बोतलों की पैकेजिंग और उसकी लेबलिंग पेरनोड रिकॉर्ड की व्हिस्की के तरह करके बेच रहे हैं. इससे ग्राहकों को धोखा हो सकता है. हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि स्कॉच-व्हिस्की खरीदने वाले लोग समझदार होते हैं. उन्हें इनका अंतर पता होता है.
रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज के खिलाफ कोर्ट मे अपील की थी. रिकार्ड ने दावा किया था कि जेके एंटरप्राइजेज ने ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ ट्रेडमार्क और ‘इंपीरियल ब्लू’ बोतल की अपियरेंस का उल्लंघन किया है. रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज पर ग्राहकों को धोखा देने के लिए ‘लंदन प्राइड’ मार्क का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि दोनों ब्रांडों के उत्पादों में “प्रीमियम” या “अल्ट्रा प्रीमियम” व्हिस्की शामिल है, जिन्हें खरीदने वाले लोग ‘शिक्षित और समझदार’ होते हैं. पीठ ने कहा, ‘निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि ऐसे उत्पादों को खरीदने वाले लोग अधिकतर पढ़े-लिखे होंगे और उनके पास ब्लेंडर्स प्राइड/इंपीरियल ब्लू और लंदन प्राइड की बोतलों के बीच अंतर करने की समझ होगी.’
याचिका में यह भी दावा किया गया था कि जेके एंटरप्राइजेज पैकेजिंग और ट्रेड ड्रेस का इस्तेमाल करके लेबल लगाकर व्हिस्की बेच रहे थे, जो कि पर्नोड रिकार्ड की ‘इंपीरियल ब्लू’ व्हिस्की के जैसी थी. हालांकि, इंपीरियल ब्लू और लंदन प्राइड… दोनों की बोतलों की तुलना करते हुए, अदालत ने पाया कि जेके एंटरप्राइजेज द्वारा तैयार की जाने वाली बोतलों पर लगा मार्क रिकार्ड के मार्क के जैसा नहीं कहा जा सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि बोतलों का आकार अलग-अलग था. उनके बक्सों के संबंध में कोर्ट ने कहा कि ग्राहक आसानी से अंतर समझ सकता है.