पैसो की जरूरत किसे नहीं होती. खासकर मुसीबत के समय में अगर पैसों का जुगाड़ न हो पाए तो चिंता और बढ़ जाती है. चाहे घर बनाना हो या बेटी की शादी का मामला हो या कोई दूसरी इमरजेंसी. आज के दौर में लोग अपनों से मांगने के बजाय बैंक से लोन लेना ज्यादा अच्छा मानते है. लेकिन बैंक लोन तभी देता है जब आपका सिबिल स्कोर सही हो. सिबिल स्कोर सही न होने पर आपको बैंक से भी खाली हाथ लौटना पड़ सकता है.
अगर आपका भी सिबिल स्कोर खराब है और उसको ठीक नहीं कर पा रहे तो आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं. जिन्हें अपनाकर भी आप अपना सिबिल स्कोर ठीक कर सकते है. आप घर का राशन जैसे आटा, दाल, चावल और दूसरे रोजमर्रा के सामान तो हर महीने खरीदते ही होंगे. अगर आप इन खर्चों को कैश में न करके क्रेडिट कार्ड से चुकता करें तो काम हो सकता है.
ऐसे बनानी होगी रणनीति
ये सुनने में थोड़ा अटपटा तो जरुर लग रहा होगा कि राशन का बिल क्रेडिट कार्ड से पे करना. लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तो धीरे धीरे आपके सिबिल स्कोर पर असर दिखेगा. आइए जानते हैं कैसे संभव हो पाएगा ये सब, आप इन सामानों के महीने का बजट तो बनाते ही होंगे. अब बजट बनाने के बाद आप इन सामानो का पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करें. क्रेडिट कार्ड में आपको 40 दिन की मियाद मिलती है. कोशिश करें कि 40 दिन के अंदर आपने जो भी खर्च किया है उसे पूरा समय से चुकता कर दें.
3 से 4 महीने में दिखेगा असर
ऐसा दो- तीन महीने करने से आपके क्रेडिट कार्ड पर हर महीने ट्रांजैक्शन दिखना शुरू हो जाएगा. और अगर आप समय से क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाते जाएंगे तो भी आपके रिकॉर्ड में दिखना शुरु हो जाएगा. एक बार आपका ट्रांजैक्शन और पेमेंट समय से होने लगेगा और ऐसा लगातार दो से तीन महीने तक होगा तो इसका असर आपके सिबिल पर भी दिखना शुरु हो जाएगा.
ऐसे उदाहरण से समझें
नोएडा के रहने वाले शैलेद्र मिश्रा अपने मकान का किराया, किराने का सामान और दूसरी जरूरी चीजों को पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करते हैं. दरअसल इनका सिबिल किसी कारणवश डाउन हो गया था पहले इनका सिबिल घटकर 642 के नीचे आ गया था. तब इन्होंने अपने रोजमर्रा की चीजों और किराए का मंथली बजट फिक्स किया. और इनका पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करना शुरू कर दिया. 40 दिन के अंदर इन्होंने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान भी करना शुरू कर दिया. 3 महीने के बाद अब इनका सिबिल 724 के उपर हो गया है.
कैसे होता है सिबिल पर असर
- होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या दूसरे किसी लोन का किस्त बाउंस करने पर
- क्रेडिट कार्ड से कोई ट्रांजेक्शन न होने की सूरत में
- समय से क्रे़डिट कार्ड के बिल का भुगतान न करने पर
- बार- बार लोन के लिए अप्लाई करने और वो रिजेक्ट होने की स्थिति में.
- पुराने की किसी लोन का बकाया न चुकाने औऱ बाद में उसका वन टाइम सेटेलमेंट कराने की सूरत में.