नई दिल्ली। सरकार ने भारत में बनने वाले 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान यानी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के प्रोडक्शन मॉडल को मंजूरी दे दी है.रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने के लिए सरकारी के साथ निजी कंपनियों को भी बोली लगाने का मौका मिलेगा.सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने AMCA के डिजाइन और विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी पिछले साल अप्रैल में दी थी. आइए जानते हैं कि पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान होते क्या हैं.
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान उन्नत तकनीकी से लैस लड़ाकू विमान होते हैं. इस समय दुनिया में केवल तीन देश अमेरिका, चीन और रूस के पास ही पाचवीं पीढी के लड़ाकू विमान हैं.
स्टेल्थ: ये विमान रडार और इन्फ्रारेड डिटेक्शन तकनीक की पकड़ में नहीं आते हैं. इस वजह से दुश्मन इसका पता नहीं लगा पाता है.
सेंसर और डेटा फ्यूजन: इस पीढ़ी के विमानों में आधुनिक सेंसर और डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम लगा होता है. इस वजह से पायलट को युद्ध क्षेत्र के बारे में रीयल-टाइम में डेटा और निशाने की सटीक जानकारी मिलती है.
सुपरक्रूज: यह आफ्टरबर्नर का उपयोग किए बिना सुपरसोनिक गति (767 मील प्रति घंटा या 1235 किलोमीटर प्रति घंटा) से उड़ान भर सकते हैं. इससे तेल की खपत कम होती है.
डेटा शेयरिंग: ये विमान ड्रोन, सैटेलाइट और दूसरे विमानों के साथ उड़ान के दौरान डेटा साझा कर सकते हैं.
मारक क्षमता: ये जहाज हवा से हवा,हवा से जमीन और इलेक्ट्रॉनिक वॉर में सक्षम होते हैं.
हथियारों से लैस: ये जहाज एयर-टु-एयर मिसाइल, एयर-टु-ग्राउंड मिसाइल और अलग-अलग तरह के बम ले जाने में सक्षम होते हैं. ये जहाज 15 हजार किलो तक के हथियार ले जा सकते हैं. यह क्षमता अलग-अलग विमानों की अलग-अलग होती है.
कहां लगे होते हैं हथियार: इन जहाजों में हथियारों को रखने के लिए बॉक्स बने होते हैं. वो बाहर से दिखाई नहीं देते हैं, इस वजह से वो रडॉर की पकड़ में नहीं आ पाते हैं.
AI और पायलट: पांचवीं पीढ़ी के कुछ विमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित सिस्टम लगाए गए हैं. यह पायलट को सही फैसले लेने में मदद करता है. अमेरिका का XQ-58A Valkyrie विमान बिना पायलट के बिना उड़ाने भरने में सक्षम है. अमेरिकी सेना इसका परीक्षण कर रही है.