नई दिल्ली: अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और हिंद महासागर में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर फ्लीट और तीन विमानवाहक पोतों (एयरक्राफ्ट कैरियर) की तैनाती की है। अमेरिका की इस सैन्य गतिविधि को चीन और रूस जैसे देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
पेंटागन ने हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया के संयुक्त अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य अड्डे पर कम से कम छह बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों को तैनात किया है। सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, ये अत्याधुनिक विमान डिएगो गार्सिया के रनवे पर खड़े नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के पास कुल 20 बी-2 स्टील्थ बॉम्बर हैं, और उसने अपनी लगभग 30 प्रतिशत बी-2 फ्लीट को इस क्षेत्र में भेज दिया है।
बी-2 स्टील्थ बॉम्बर की खासियत
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर एक लंबी दूरी तक युद्ध करने वाला बॉम्बर विमान है, जिसे रडार से पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता है। ये पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।
इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं
- पंखों की चौड़ाई: 172 फीट
- लंबाई: 69 फीट
- ऊंचाई: 17 फीट
- अधिकतम उड़ान ऊंचाई: 50,000 फीट
- पायलट: 2
- खाली वजन: 72,575 किलोग्राम
- अधिकतम भार के साथ उड़ान क्षमता: 152,634 किलोग्राम
- एक बार ईंधन भरने पर उड़ान रेंज: 18,520 किमी
- इंजन: चार जनरल इलेक्ट्रिक F118-GE-100 टर्बोफैन इंजन
पश्चिम एशिया में बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में इजाफा किया है। अमेरिका ने इजराइल को भी अपना पूरा समर्थन दिया है, जिसके चलते हूती अब अमेरिकी व्यापारिक और सैन्य जहाजों को निशाना बना रहे हैं। ईरान और उसके समर्थित प्रॉक्सी ग्रुप्स, जैसे हमास, इज़राइल के साथ चल रहे युद्ध में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।