कोविड संकट के बाद से अभी तक दुनिया की बड़ी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं उबर नहीं पाई हैं, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था ने खुद भारत सरकार की भी उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत सरकार ने क्वार्टर-4 (Q4) के लिए देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि का जो अनुमान लगाया था, उसे भी पीछे छोड़ दिया है और इस वित्तवर्ष की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था का विकास दर 6.1 प्रतिशत रहा, जबकि सरकार ने वृद्धि दर का अनुमान 4.4 प्रतिशत लगाया था।
वहीं, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जो नये आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत की समग्र वृद्धि देखे जाने का अनुमान लगाया है, जो दुनिया में सबसे तेज वृद्धि दर है। भारत की अर्थव्यवस्था की जो वृद्धि दर है, उसने अमेरिका और चीन को काफी पीछे छोड़ दिया है।
विश्व में सबसे तेज भारत की रफ्तार
बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने जनवरी और मार्च (Q4) के बीच 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि दूसरे स्थान पर इंडोनेशिया ने 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसी अवधि में चीन, मैक्सिको, अमेरिका और जापान जैसे देशों में क्रमशः 4.5 प्रतिशत, 3.8 प्रतिशत, 1.6 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का टैग बरकरार रख रहा है, लिहाजा आईये समझते हैं, कि आखिर इसकी वजह क्या है?
भारत के उत्कृष्ट प्रदर्शन का श्रेय उपभोग और सेवा क्षेत्र में स्थिर विकास को दिया जाता है। और ये आंकड़े लगभग भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा की गई भविष्यवाणियों के मुताबिक ही हैं, जिसने 7.1 प्रतिशत और विश्व बैंक ने भारत के लिए सात प्रतिशत की वृद्धि की भविष्यवाणी की थी।
इसके अलावा निजी खपत, जिसका अर्थव्यवस्था में लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है, पिछली तिमाही के 2.1 प्रतिशत की तुलना में सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत बढ़ी है। जबकि पूंजी निर्माण, जो निवेश का एक संकेतक है, वो सालाना आधार पर 8.9 प्रतिशत बढ़ा है। पिछली तिमाही में ये 8% था।
वहीं, भारत दुनिया भर में मुद्रास्फीति के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न उथल-पुथल से उत्पन्न मंदी को दूर करने में सक्षम रहा है।
आधिकारिक तौर पर जीडीपी का आंकड़ा जारी होने से कुछ घंटे पहले, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, कि “लगभग सभी उच्च आवृत्ति संकेतकों में, जिनकी हमने भारतीय रिज़र्व बैंक में निगरानी की, चौथी तिमाही में गति बनी रही। इसलिए, हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर (कुल वार्षिक) वृद्धि 7 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा है”।
IMF ने भारत के विकास रफ्तार की पुष्टि की
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला है और कहा है, कि देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में से एक रहते हुए भी भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
अप्रैल में, आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने पीटीआई को बताया, कि “भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है।”
आईएमएफ ने कहा, कि खपत में जरूर कमी आई है, लेकिन आईमएफ निवेश को अर्थव्यवस्था के लिए मुख्य ड्राइवर के तौर पर देखता है
हालांकि, पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार में थोड़ी कमी जरूर आई है, फिर भी ये पूरी दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से विकास करने वाला देश है। फाइनेंशियल ईयर 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास रफ्तार 9.1 प्रतिशत रही थी, जो इस वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है, फिर भी चीन और अमेरिका के मुकाबले भारत की रफ्तार काफी ज्यादा है।
वहीं, भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. अरविंद विरमानी ने कहा है, कि भारत की जीडीपी की जो ग्रोथ रेट है, उसके आधार पर अगले 10 सालों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
किस देश का कितना ग्रोथ रेट?
- चीन: +4.4%
- सऊदी अरब: +3.7%
- पाकिस्तान: +3.6%
- कोलम्बिया: +2.2%
- जापान: +1.6%
- कनाडा: +1.5%
- मेक्सिको: +1.2%
- अमेरिका: +1.0%
- फ्रांस: +0.7%
- यूके: +0.3%
- इटली: -0.2%
- जर्मनी: -0.3%
- रूस: -2.3%