रायपुर : सट्टा खिलाने वाली 22 ऐप को ब्लॉक करने के सरकारी आदेश के बीच ‘महादेव बेटिंग ऐप’ एक बार फिर चर्चा में है. वैसे भी बीते कई दिनों से महादेव बेटिंग ऐप और इसके फाउंडर सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल लाया हुआ, जबकि राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव की वोटिंग होने जा रही है. आखिर कैसे काम करती थी ‘महादेव ऐप’ और कैसे इसके फाउंडर ने करोड़ों का खेल कर दिया.
केंद्र सरकार ने महादेव बेटिंग ऐप समेत 22 अवैध बेटिंग ऐप्स और वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है. इसमें ‘महादेव बुक ऑनलाइन’ और ‘रेड्डीयान्ना प्रेस्टोप्रो’ प्लेटफॉर्म शामिल है. सरकार का ये आदेश ऐसे समय आया है जब इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) महादेव ऐप के खिलाफ जांच कर रही है. इस मामले ने चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ की रजनीति गर्माई हुई है. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पर इस बेटिंग ऐप को स्थापित करने में मदद करने के आरोप लगे हैं.
महादेव जूस से महादेव ऐप तक का सफर
महादेव ऐप का फाउंडर सौरभ चंद्राकर बेहद सामान्य परिवार से आता है. 2018 से पहले वह भिलाई में रहता था और ‘महादेव जूस सेंटर’ चलाता था. उस समय उसे ऑनलाइन ऐप्स पर सट्टा खेलने का शौक लग गया और इसी बीच 10 से 15 लाख रुपए का घाटा कर लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महादेप ऐप का को-फाउंडर रवि उप्पल भी सौरभ का पुराना दोस्त है. उसने भी कई छोटे-मोट काम किए. उसे भी सौरभ की तरह जुआ खेलने का शौक था और वो भी 10 लाख रुपए के नुकसान में था.
फिर आया वो दौर जब दोनों पर पैसे की बारिश हुई. दोनों दुबई गए और किसी तरह पैसे जुटाने में सफल रहे. इसके बाद दोनों ने मिलकर खोली ‘महादेव बुक ऐप’. सौरभ चंद्राकर ने इसका नाम अपने छत्तीसगढ़ के भिलाई वाले जूस सेंटर के नाम पर ही रखा. इस ऐप को डेवलप करने का काम भारतीय और यूरोपीय कोडर्स ने किया. इसे 2020 में लॉन्च किया गया. फिर दोनों ने मिलकर इस ऐप के 2,000 से ज्यादा सेंटर खोले.
महादेव ऐप का ऐसे फैला कारोबार
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने ‘महादेव ऐप’ का कारोबार फैलाने के लिए कमीशन मॉडल अपनाया. जो भी लोग ऐप पर सट्टा खिलाने का सेंटर चलाते, उन्हें कलेक्शन के हिसाब से कमीशन मिलता. ईडी की जांच में कहा गया है कि सेंटर्स पर भारी संख्या में कलेक्ट होने वाला कैश हवाला नेटवर्क के माध्यम से दुबई भेजा जाता था. इसमें दाऊद इब्राहीम की गैंग के आदमी उनकी मदद करते थे.
महादेव बुक ऐप पर कई तरह के गेम्स लोगों को ऑफर किए जाते. इसमें पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट शामिल है. कार्ड गेम में लोगों को तीन पत्ती, पोकर और ड्रैगन टाइगर जैसे गेम्स दिए जाते. ये ऐप क्लोज ग्रुप के रूप में चलती. ये कई अलग-अलग इंस्टेंट मेसेज (WhatsApp, Telegram) के माध्यम से चलती थी. लोगों को मेसेज के माध्यम से ऐप पर खेलने का इन्वाइट मिलता. वहीं सौरभ और रवि ऐसे 4 या 5 प्लेटफॉर्म चलाते और हर दिन 200 करोड़ रुपए की कमाई करते.