बेनोनी : आईसीसी मेन्स अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 79 रनों से हरा दिया. साउथ अफ्रीका के बेनोनी में खेले गए इस मुकाबले में भारतीय टीम 254 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए 174 रन ही बना सकी. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने चौथी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता, वहीं भारत का छठी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया.
फाइनल मैच के दौरान बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ ही फील्डिंग में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन औसत रहा. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सात विकेट पर 253 रन बनाए, जो अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर रहा. इस मैच में 5 ऐसे बड़े कारण रहे, जिसने टीम इंडिया का सपना तोड़ दिया है. आइए जानते हैं इनके बारे में…
टॉप ऑर्डर का फ्लॉप शो: मुशीर खान, सचिन धास और कप्तान उदय सहारन से फाइनल मुकाबले में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन तीनों ने ही निराश किया. मुशीर 22, उदय 8 और सचिन सिर्फ 9 रन बना सके. मुशीर और उदय इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में टॉप-2 में रहे. उदय ने 56.71 के एवरेज से सर्वाधिक 397 रन बनाए. वहीं मुशीर ने 60 की औसत से 360 रन बनाए. सचिन धास के बल्ले से भी 303 रन निकले.
एक भी 50+ पार्टनरशिप नहीं: भारतीय पारी में कोई बड़ी पार्टनरशिप नहीं हो पाई, जो हार की बड़ी वजहों में से एक रही. सबसे बड़ी साझेदारी 46 रनों की थी, जो नौवें विकेट के लिए मुरुगन अभिषेक और नमन तिवारी के बीच हुई. जब वो पार्टनरशिप हुई, तब तक भारत के हाथ से मैच लगभग निकल चुका था. यदि भारत की ओर से कोई बड़ी साझेदारी होती तो काम आसान बन जाता.
स्पिनर्स भी नहीं कर सके कमाल: उदय सहारन ने स्पिन गेंदबाजों के तौर पर मुरुगन अभिषेक, मुशीर खान, सौमी पांडे और प्रियांशु मोलिया को लगाया था. मगर ये चारों ही गेंदबाज कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए. चारों स्पिन गेंदबाजों ने मिलकर 141 रन दिए, लेकिन दो ही विकेट ले सके. यदि ये गेंदबाज बेहतर प्रदर्शन करते तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में आने की उम्मीदें काफी ज्यादा हो सकती थीं.
फाइनल का दबाव नहीं झेल सके खिलाड़ी: भारतीय टीम फाइनल का दबाव नहीं झेल सकी और एक तरह से सरेंडर कर दिया. पूरे मुकाबले में भारत का कोई भी बल्लेबाज अपना कमाल नहीं दिखा सका. आदर्श सिंह, मुरुगन अभिषेक और मुशीर खान ही दोहरे अंकों तक पहुंच पाए. भारत की गेंदबाजी भी आखिरी कुछ ओवर्स में पटरी से उतरी नजर आई. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय छह विकेट पर 187 रन था, इसके बावजूद वह 250 से ज्यादा रन बनाने में सफल रहा. साफ नजर आया कि वर्ल्ड कप फाइनल जैसे बड़े मुकाबले का दबाव भारतीय टीम भी झेल नहीं सकी.
टॉस हारना: फाइनल मुकाबले में ज्यादातर टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती है. भारतीय कप्तान उदय सहारन फाइनल मैच में टॉस नहीं जीत पाए. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ह्यू वेबगेन ने टॉस जीत पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. ऑस्ट्रेलिया ने अच्छा स्कोर बनाया, जिससे भारतीय बल्लेबाजों पर शुरुआत से ही प्रेशर रहा.