क्या बिना खेले थोड़े से अंतराल के दौरान किसी देश की रैंकिंग में बदलाव हो सकता है? यही वो पॉइंट है जिसको लेकर आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं. आईसीसी ने टीम इंडिया को रैंकिंग में नंबर वन दिखाया लेकिन कुछ ही घंटे के बाद इंडिया के फैंस को मायूसी का सामना करना पड़ा.
आईसीसी ने टीम इंडिया को टेस्ट रैंकिंग में केवल ढाई घंटे में ही दूसरे नंबर पर पहुंचा दिया और नंबर वन पर पहुंच गई ऑस्ट्रेलिया की टीम. खेल प्रेमियों के लिए रैंकिंग का ये उलटफेर समझना मुश्किल था. आखिर क्यों हुआ ऐसा? जबकि इस दरम्यान दोनों देशों ने कोई मैच नहीं खेला. फिलहाल को भारत 115 जबकि ऑस्ट्रेलिया को 126 की रैंकिंग दी गई है.
किसने बनाई थी रैंकिंग?
ICC की वेबसाइट के मुताबिक यह रेटिंग मैथड स्टेटेशियन और स्कोरर डेविड कॉलिन केंडिक्स ने बनाई थी. रैंकिंग में बदलाव के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जा रहा है.
ICC से कैसे हुई चूक?
INSIDE SPORTS ने इस बारे में लिखा है – ऐसा लगता है ICC के पास उचित टेक टीम नहीं है. ICC ने दूसरी बार बड़ी गलती की है. भारत 4 घंटे के लिए तीनों फॉर्मेट में नंबर 1 बन गया. ICC की वेबसाइट के अनुसार भारत ने दोपहर 2:30 बजे टेस्ट में वर्ल्ड नंबर 1 रैंक हासिल किया लेकिन शाम 7 बजे तक ICC ने रैंकिंग पॉइंट्स में बदलाव कर दिया. यह अविश्वसनीय लग रहा था. ICC ने बाद में ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड नंबर 1 के रूप में दर्शाने के लिए सुधार किया.
हालांकि इस सुधार में भी गलती है. पहला टेस्ट एक पारी और 132 रन से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया के 4 अंक गिरकर 122 अंक हो जाएंगे. अगर रोहित शर्मा एंड कंपनी दिल्ली टेस्ट में जीत जाती है, तो वे निश्चित रूप से वर्ल्ड नंबर 1 रैंक हासिल कर लेंगे.
ICC रैंकिंग सिस्टम को समझिए
- ICC रैंकिंग सिस्टम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम या खिलाड़ी को सटीक रूप से आंकने की एक विधि है. रैंकिंग क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट यानी टेस्ट मैच, ODI और T20 के लिए तय की जाती है. पुरुष और महिला खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग रैंकिंग जारी की जाती है.
- किसी खिलाड़ी की रैेंकिंग उसके खेल के प्रदर्शन के आधार पर तय की जाती है. देखा यह जाता है कि उसने कितने मैच जीते या कितने रन बनाये या कितनी विकेट ली साथ में उसका किसी सीरीज में कितना औसत रहा. हर मैच का अंक निर्धारित होता है.
खिलाड़ियों या टीमों को मिलने वाली रैंकिंग के आधार पर उनका क्रम तैयार किया जाता है और ओवरऑल सबकी रैंकिंग बनाई जाती है. एक तालिका के जरिए सभी खिलाड़ियों की रैंकिंग को प्रदर्शित किया जाता है. - मान लिया यदि टेस्ट मैचों में भारत के 120 रेटिंग अंक हैं. तो इसका मतलब हुआ कि सभी 12 टेस्ट खेलने वाली टीमों में भारत अव्वल है यानी भारत की रैंकिंग हुई नंवर वन.
- क्रिकेट खिलाड़ियों की रैंकिंग को तय करने के लिए 1987 में इस विधि को इजाद किया गया था. इसके जरिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धि को एक क्रम दिया जाता है. हालांकि तब केवल गेंदबाजी और बल्लेबाजी की रैंकिंग की जाती थी.
लेकिन कई खामियां पाई जाने के बाद ICC की नई रेटिंग आधारित रैंकिंग प्रणाली सामने आई. अब ICC की रैंकिंग तीनों फॉर्मेट की जाती है. साथ ही बल्लेबाजी, गेंदबाजी और ऑलराउंडर के लिए भी अलग-अलग श्रेणियों की रैंकिंग है.
रैंकिंग सिस्टम का आधार
- खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर 0 से 1000 के रेटिंग पर आंका जाता है.
- यह बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए कॉमन है.
- ऑलराउंडर के लिए सिस्टम थोड़ा अलग है.
- कोई खिलाड़ी के पिछले मैच की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करता/करती है, तो रेटिंग के अंक बढ़ जाते हैं.
- हर मैच के अंत में खिलाड़ियों को नई रेटिंग दी जाती है.
- रैंकिंग में बदलाव ODI और T20 के लिए हर सीरीज के अंत में और हर मैच के बाद टेस्ट मैचों के लिए होता है.
- नए खिलाड़ियों के लिए रेटिंग 0 से शुरू होती है.
- यदि कोई खिलाड़ी एक मैच चूक जाता है, तो वह हर मैच के लिए कुछ अंक से वंचित हो जाता है.
- यदि कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेता है, तो उसे लिस्ट से हटा दिया जाता है.
रैंकिंग और रेटिंग में अंतर
आईसीसी की तालिका में खिलाड़ियों की स्थिति रैंकिंग कहलाती है जबकि रेटिंग का मतलब खिलाड़ियों के प्वॉट्स होते हैं. और रेटिंग पॉइंट्स के आधार पर ही रैंकिंग बनती है.
यह जानलेना भी जरूरी है कि आईसीसी की टेस्ट लिस्ट में उन्हीं खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है, जो पिछले 12-15 महीने के दौरान क्रिकेट खेल रहे होते हैं जबकि ODI और T20 के लिए 9-12 महीने तक खेलने का समय तय किया गया है.