नई दिल्ली: आदित्य-L1 में लगा PAPA क्या है? कैसे सूर्य का सबसे बड़ा राज जान लेगा ISRO, समझिए: आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च के बाद निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। भारत का पहला सूर्य मिशन अगले 125 दिन अनंत अंतरिक्ष में L1 पॉइंट की यात्रा करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक लगातार आदित्य-एल1 के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। सूर्य के बारे में अहम जानकारियां हासिल करने के लिए ISRO ने आदित्य-एल1 पर कई पेलोड्स लगाकर भेजे हैं। आदित्य-L1 में कुल सात पेलोड हैं। L1 पॉइंट पर पहुंचने के बाद उनका काम शुरू होगा। चार पेलोड्स सूरज को सीधे तौर पर देखेंगे और तीन पेलोड्स लैगरेंज पॉइंट 1 पर पार्टिकल्स और फील्ड की स्टडी करेंगे। सभी पेलोड्स सूर्य के बारे में अहम डेटा भेजेगा, लेकिन मुख्य काम प्लाज्मा एनालाइजर का होगा। इसे ‘प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य’ यानी PAPA नाम दिया गया है। समझिए, यह PAPA कैसे हमें सूर्य का सबसे बड़ा राज जानने में मदद करेगा।
आदित्य-एल1 के साथ गया PAPA क्या करेगा
PAPA यानी Plasma Analyser Package For Aditya इस मिशन के इन-सीटू पेलोड्स में से एक है। ISRO के मुताबिक, PAPA का काम सोलर विंड, सोलर पार्टिकल्स का एनालिसिस करना है। इसके अलावा यह इलेक्ट्रॉन्स और दिशा वाली भारी आयनों की भी जांच करेगा।
सूर्य मिशन के लिए क्यों अहम है PAPA
सूर्य के कोर का तापमान करीब 5,700 डिग्री सेल्सियस है मगर बाहरी परत जिसे ‘कोरोना’ कहते हैं, का तापमान एक लाख डिग्री तक पहुंच जाता है। यह बात वैज्ञानिकों को हैरान करती है। PAPA सूर्य के इसी राज का पता लगाएगा।
मिशन में लगे बाकी उपकरण क्या करेंगे?
PAPA के अलावा सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (सूट) सूर्य के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरें लेगा। सोलेक्स और हेल1ओएस सूर्य की एक्सरे स्टडी करेंगे। एसपेक्स का काम सौर पवन की स्टडी और इसकी एनर्जी को समझना है। मैग्नेटोमीटर (मैग) एल1 के आसपास अंतर-ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा।