नई दिल्ली। झारखंड में हुई ED की रेड के बाद हर कोई हैरान है कि मंत्री के PS के नौकर की हैसियत कितनी है। आखिर 15 हजार रुपये की सैलरी पर नौकरी करने वाले के घर से 32 करोड़ रुपये कैश मिल रहे हैं। ED की रेड के दौरान स्थिति ऐसी आ गई थी कि जांच कर रहे अधिकारी हाथों से पैसा नहीं गिन पा रहे थे। अंतत: पैसा गिनने वाली मशीन मंगाई गई और मशीन भी गरमा गई। पैसों को लेकर ED के अधिकारियों ने बताया कि ये पैसा कमीशन का है जिसे झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के लिए रखा गया था। उसी दिन ईडी ने विभाग से जुड़े कुछ और लोगों के ठिकानों पर छापा मारा। जिसमें ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर विकास कुमार के आवास से 3 करोड़ कैश बरामद हुए थे। बाकी की राशि अन्य ठिकानों से बरामद हुई थी। ED की रेड के बाद मंत्री के पीएस के इस नौकर की कहानी हर कोई जानना चाहता है कि 15 हजार की नौकरी वाला 32 करोड़ कमीशन कैसे सेट किया। पीएस और नौकर के बीच की दोस्ती की क्या है पूरी कहानी…
वैसे तो देश में कई ऐसी जानकारी समय-समय पर लोगों को चौंकाती रहती है। लेकिन ये कहानी अन्य से काफी अलग नजर आ रही है। तभी तो कभी एमआर का काम करने वाला मंत्री के पीएस का खास बन गया और फिर तो 32 करोड़ का कमीशन सेट किया। प्रदेश की राजधानी रांची स्थित गाड़ीखाना के सर सैयद रेसीडेंसी अपार्टमेंट में हुई ईडी की रेड के दौरान 32 करोड़ कैश बरामद हुए हैं। जिस नौकर के घर ये रेड हुई वो जहांगीर आलम है। झारखंड के चतरा जिले का रहने वाला जहांगीर अपने शुरुआती दिनों में मेडिकल लाइन से जुड़कर काम कर रहा था। इसी दौरान जहांगीर ने करीब दो तीन साल तक एमआर का भी काम किया।
2009 में हुई थी दोनों की मुलाकात
साल था 2009, इसी दौरान चतरा जिले के पत्थलगड्डा ब्लॉक के नए बीडीओ संजीव लाल बनकर आए। इसी दौरान किसी काम के सिलसिले में संजीव लाल की मुलाकात जहांगीर आलम से हुई। जिसके बाद से जहांगीर संजीव लाल के साथ हो लिए। बीडीओ संजीव लाल ब्लॉक में होने वाले अधिकतर काम को जहांगीर के तहत ही करने लगा। कई योजनाओं में दोनों का साथ रहा। करीब दो साल बाद जब संजीव लाल का चक्रधरपुर ब्लॉक में ट्रांसफर हो गया। जहां संजीव लाल के साथ ही जहांगीर भी चला गया। जिसके बाद तो दोनों की दोस्ती की कहानी की चल पड़ी और जहांगीर धीरे-धीरे संजीव लाल का खास होता चला गया।
संजीव लाल की वजह से जहांगीर मंत्री का भी बन गया खास
संजीव लाल को इसी बीच ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का पीएस बना दिया गया। पीएस बनने के साथ ही संजीव लाल ने अपने करीबी जहांगीर को भी रांची बुलाया। संजीव लाल के चलते जहांगीर आलम भी धीरे-धीरे मंत्री का करीबी बन गया। लोगों ने ये भी बताया कि मंत्री आलमगीर आलम का घर जहांगीर आलम के ससुराल के पास होने की वजह से पारिवारिक रिश्ते भी बनने लगे। पीएस संजीव लाल और उसका सहयोगी जहांगीर आलम ने भ्रष्टाचार करना शुरू किया। ये भ्रष्टाचार इस तरह हुआ कि पिछले 4 सालों से जिस फ्लैट में 15 हजार की सैलरी कमाने वाला नौकर रह रहा हो, लेकिन जब ईडी की छापेमारी होती है तो उसके फ्लैट से 32 करोड़ कैश की बरामदगी होती है।