अयोध्या: अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण में गतिशीलता के साथ और भी तेजी लाई गई है। अगर ताजा अपडेट की बात करें तो प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का तकरीबन 80 फीसद काम पूर्ण हो चुका है। मंदिर को दिव्य और अलौकिक रूप देने में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है। बता दें कि मंदिर निर्माण से पहले देश और दुनिया भर से असंख्य रामभक्तों ने बढ़-चढ़कर चंदा दिया था। 22 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समय से हो सके और उसमें कोई व्यवधान न आए इसलिए मंदिर का काम 3500 कारीगर दिन-रात सेवा में लगे हें।
अब तक खर्च और काशी-महाकाल कॉरिडोर का बजट
श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो ही चुका है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक मंदिर निर्माण में तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। मंदिर सहित अन्य प्रकल्पों के निर्माण में कुल 1800 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। ये भी बताया गया है कि, श्रीराम मंदिर का कुल बजट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक के बजट से भी आगे निकल गया है। गौरतलब है कि, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में 900 करोड़ और महाकाल लोक के निर्माण में 850 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। अब आप अंदाजा लगा लीजिए कि गगनचुंबी मंदिर की भव्यता को कैसे निखारा जा रहा है और ऐसे में रामलला का मंदिर कितना भव्य होने जा रहा है।
अब तक हो चुका इतना काम
बताया जा रहा है कि, 161 फीट ऊंचाई वाले प्रभु श्रीराम के मंदिर का भूतल तैयार हो चुका है, जिसमें फिनिशिंग का काम हो रहा है। मंदिर का पहले तल का काम 60 फीसदी हो चुका है। तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, पब्लिक यूटिलिटी, परकोटा, रिटेनिंग वॉल, सीता कूप, कुबेर टीला, शेषावतार मंदिर का सुंदरीकरण, बिजली व पानी का प्लांट और इसके साथ-साथ मंदिर और उसके आस-पास सड़क के निर्माण का भी तेजी से चल रहा है। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में उनकी अचल मूर्ति का निर्माण भी चल रहा है। इस मूर्ति को कर्नाटक व राजस्थान के मूर्तिकार बना रहे हैं।
सोने के होंगे मंदिर के पट
प्रभु श्रीराम के मंदिर में लगने वाले पट यानी दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी। ये काम दिल्ली की एक ज्वैलर्स फर्म कर रहा है। 20 गेज की तांबे की शीट चढ़ाने के बाद उसकी अच्छे से सफाई होगी और फिर उसके बाद पांच लेयर की सोने की परत चढ़ाई जाएगी। बताया जा रहा है कि, ये काम पांच जनवरी 2024 तक पूरा हो जाएगा। बता दें कि, मंदिर के पट के अलवा रामलला के सिंहासन और मंदिर के पांचों शिखर पर भी सोने की परत चढ़ाई जाएगी।