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महिलाओं के लिए कितनी बार मास्टरबेट करना सेफ है? क्या महिलाओं को करना चाहिए मास्टरबेट?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
13/02/22
in लाइफस्टाइल
महिलाओं के लिए कितनी बार मास्टरबेट करना सेफ है? क्या महिलाओं को करना चाहिए मास्टरबेट?

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नई दिल्ली l न न अब आपको ऐसी बातों पर कान बंद करने की जरूरत नहीं। न ही ऑकवर्ड फील करने की जरूरत है। आपको शायद पता न हो लेकिन अब चीजों को प्रैक्टिकली देखने का दौर है। उस पर बात करने का दौर है। कुछ पता न हो तो उसे एक्सप्लोर करने का दौर है। यह थोड़ी कि बैठे रहें वही 90 की मंशा लेकर और हाॅ… हाॅ… करते रहे। अरे, जब तक कुछ पता नहीं होगा, तब उसका अच्छा बुरा डिसाइड करना क्या सही है?

तो चलिए अब लेक्चर खत्म और काम की बात शुरू, तो यह बताइए कि
तो अगर आप इस बात का जवाब सुनना या पढ़ना चाहती थीं कि महिलाएं कितनी बार मास्टरबेट करती हैं तो भइया, जवाब यह है, कि कोई जवाब नहीं हैं। क्योंकि कोई स्पष्ट जवाब है ही नहीं।

महिलाएं कितनी बार मास्टरबेट करती हैं? करती हैं कि नहीं करती हैं। उस आधार पर इसके क्या फायदे हैं? यह सब हम आपको बताएंगे। यानी फीमेल मास्टरबेशन के बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे। और उसी आधार पर आपको यह भी बताएंगे कि आपका अगला कदम क्या हो, कि आपका मजा टेन ऑन टेन हो।

जवाब: मास्टरबेशन सेफ होता है और यह आमतौर पर सेक्शुअल एक्साइटमेंट और बॉडी की सेक्शुअल डिमांड को पूरा करने के लिए किया जाता है। आप इसे कितनी बार करती हैं यह आपकी सेक्स ड्राइव और एनर्जी पर निर्भर करता है। सेक्शुअल संतुष्टी खुशी देते हुए स्ट्रेस को कम कर सकती है।

कुछ फीमेल ने इसे कभी ट्राई ही नहीं किया। कुछ ने एक या दो बार ट्राई किया है वो भी साल में। वैसे मैं आपको बता दूं, कि फीमेल मास्टरबेशन नाॅर्मल है। नाॅर्मेलिटी में ही आता है और ऐसा कुछ भी करने वाले भी नाॅर्मल की कैटेगरी में ही आते हैं। क्योंकि मास्टरबेशन सिर्फ खुद को अच्छा फील कराने से रिलेटेड है। मकसद भी बस यही है कि आपको जैसे अच्छा फील हो उसे वैसे करें। डिपेंड इस बात पर करता है कि आपको क्या चाहिये!

महिलाएं औसतन कितनी बार मास्टरबेट करती हैं?
अब खुद से खुद का यह प्यार कोई कितना और कितनी बार पसंद करता है, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन अध्ययन यह बताते है कि यह काॅमन है। मास्टरबेट करना महिलाओं को पसंद होता है।

रिपोर्टस के अनुसार लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं को मास्टरबेट करना पसंद आता है। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि कोई सटीक आंकड़ा है।

आपको कितनी बार मास्टरबेट करना चाहिए? 
अब यह बात भी कैसे सही-सही बताई जा सकती है कि कब आपकी क्या जरूरत है। जैसे हर व्यक्ति की भूख और खाने का समय एक नहीं होता, उसी तरह से दो लोगों के मास्टरबेशन का समय और मन भी एक नहीं हो सकता। कई बार हमें कम भूख होती है तो हम खाते हैं, कई बार ज्यादा और कई बार ऐसा भी होता है कि हम बिना खाए ही रह जाते हैं।

ऐसा ही कुछ मास्टरबेशन के साथ भी है। क्योंकि है तो यह भी एक शारीरिक जरूरत ही। कभी आपका मन करता होगा, कभी नहीं। कई बार आप इसके बिना महीनों रह सकती हैं और कई बार ऐसा भी होता है कि बस यही रहता है दिमाग में। तो जनबा, बात फिर से वहीं आ जाती है, कि यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आपकी समय के हिसाब से डिमांड क्या है? मन क्या है? जरूरत क्या है? मर्जी क्या है?

मास्टरबेशन महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद है
हो सकता है कूछ को पता हो, लेकिन आपमें से बहुतों को पता नहीं होगा कि मास्टरबेशन यानी हस्तमैथुन से महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सौंदर्य लाभ मिलते हैं। कैसे आइये जानते हैं।

ऐंठन कम होना

पीरियडस के दौरान हस्तमैथुन करने से दर्द निवारक लाभ मिलते हैं। इसको इस तरह से समझते हैं कि जैसे सेक्स के दौरान जब हमें ऑर्गेज्म होता है तो हमारी बाॅडी कुछ हार्मोन्स और न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज करती है जो हमें अच्छा कराते हैं साथ ही नेचुरल पेन रिलीवर की तरह काम करते हैं। उसी तरह पीरियड के टाइम पर मास्टरबेशन ‘पीरियड क्रैम्पस’ कम करने में हेल्पफुल है।

सेल्फ एम्पाॅवरमेंट
मास्टरबेशन आत्म प्रेम है। यह खुद के प्यार करना सिखाता भले न हो पर खुद की इंपाॅर्टेन्स का अहसास तो कराता ही हैै। यह आत्म मूल्य की भावनाओं को बढ़ावा दे सकता है और मन से शरीर का संबंध बढ़ाता है।

बेहतर नींद

सोने से पहले खुद को प्यारे तरीके से स्पर्श करने, कैरेस करने यानी सहलाने और जिन पाॅइंटस पर सही लगे वहां रगड़ने पर आपको बेहतर नींद आ सकती है। लेकिन इसके वैज्ञानिक कारण भी हम आपको बता दें कि एक अध्ययन के अनुसार आॅर्गेजम के वक्त ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन जारी होते हैं, जो नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं या करते हैं। इसके अलावा खुद को स्पर्श करना कहीं ज्यादा आरामदेह हो सकता है शायद उस क्लाइमेक्स जितना ही या कौन जाने उससे ज्यादा!

लेस रिस्की बिजनेस

मास्टरब्रेट यानी सेल्फ लव। सेल्फ केयर, सेल्फ आॅबसेशन। नाम आप कुछ भी दे सकते हैं। मतलब सबका एक है। वैसे भी खुद से खुश रहना या सेल्फ वर्थ करना कोई गलत बात नहीं है। पुरुष करते हैं। फिर महिलओं पर नजरें तिरछी क्यों?

लेस रिस्की इसलिए कि एक तो आप बिना किसी पार्टनर के भी खुश रह सकती हैं। साथ ही आपको सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने की चिंता नहीं रहती। प्रेगनेसी को कोई खतरा नहीं। अगर कुछ है तो बस प्लेशर।

सरदर्द और माइग्रेन
सीवियर सर दर्द और माइग्रेन में मास्टरबेशन काफी लाभदायक रहता है। दरअसल सरदर्द में कुछ भी ऐसा करना जिससे दर्द से ध्यान हटे अच्छा रहता है। और क्योंकि मास्टरबेशन से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं तो कुछ देर के लिए आप सरदर्द या कहीं का भी दर्द भूल जाती हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो फीमेल मास्टरबेशन कई स्वास्थ्य समस्याओं में सहायक है।

क्या फीमेल का मास्टरबेट करना बुरा है?
इसके बारे में अफवाहें तो बहुत हैं। खुल कर इस पर कोई बात भी नहीं करना चाहता। आइए इसके बारे में फैले मिथक जानते हैं।

क्या यह अवसाद यानी डिप्रेशन का कारण बन सकता है? 
महिला हस्तमैथुन को लेकर कई तरह के बेवकूफी भरे मिथक प्रचलित है। कई लोगों को मानना है कि सेल्फ प्लेशर शर्म या चिंता का अनुभव करा सकते हैं। इससे डिप्रेशन हो जाता है। जबकि इन बातों का न तो कोई तथ्यात्मक प्रमाण है न ही वैज्ञानिक प्रूफ। यानी महिलाओं के लिए हस्तमैथुन में शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है।

क्या मास्टरबेशन से मेरी सेक्स ड्राइव खत्म हो सकती है?
जवाब है नहीं। मास्टरबेशन एक्चुअली आपकी लव लाइफ में हेल्प कर सकता है। यह आपको बेडरूम में आपकी लाइक्स और डिस्लाइक्स के बारे में क्लेरिटी देने के साथ ही आपको पार्टनर के तौर पर खुद को समझने का बेटर व्यू देता है।

क्या यह बांझपन का कारण बन सकता है?
नहीं। मास्टरबेशन का आपके गर्भवती होने की क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

महिलाएं मास्टरबेट कैसे करती हैं?
जवाब है, बहुत सारे तरीके हैं।

क्लिटोरल
क्लिटोरिस आर लिट। यानी तीव्र उत्तेजना वाले। और सरल शब्दों में समझें तो त्वरित सेंसेशन के लिए क्लिटोरल टच इज द बेस्ट है। आप यह टच अपनी उंगलियों की सहायता से भी फील कर सकती हैं या अगर ज्यादा सेंसेशन चाहिए तो क्लिटोरिस टाॅय या वाइब्रेटर का यूज भी कर सकती हैं।

वैजाइनल
अपने जी स्पाॅट और योनि क्षेत्र को उत्तेजित करने के लिए सेक्स टाॅय या अपनी उंगलियों का उपयोग आप आसानी से कर सकती हैं। परिणाम एक राॅकिंग इनर आॅगेजम होगा जो आपको पूरे पेल्विक ऐरिया में महसूस होगा।

एनल प्ले
अगर बट-गैसम आपका स्टाइल है, तो आप पूरी तरह सोलो एनल प्ले कर सकते हैं। उंगली या पतले सेक्स टाॅय से धीमी शुरुआत करें। फिर अपने स्फिंक्टर को आराम देते हुए बट प्लग, डिल्डो और बड़े सेक्स टाॅयज का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। एक बात बताना भूल गई, चिकनाई यानी क्रीम या वैसलीन मत भूलिएगा। एक बात और अपने सेक्स टाॅय को हर इस्तेमाल के बाद सैनिटाइज जरूर करें। यूज करने से पहले भी और यूज करने के बाद भी।

काॅम्बो प्लेज़र
काॅम्बो जैसे कि नाम से ही जाहिर है, इसमें इसमें आता है मिक्स प्लेजर। यानी हर चीज का थोड़ा-थोड़ा मिश्रण। अब क्योंकि काॅम्बो है और इसमें इनपुट हर तरह का है तो आपको क्या लगता है? रिजल्ट क्या होगा? तो रिजल्ट होगा लिमिटलेस प्लेजर। जी हां, जिसे कहते हैं असीम आनन्द।


खबर इनपुट एजेंसी से

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