हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना का दिन है. इस दिन साल के पहले दिन की शुरुआत रविवार से ही हो रही है. ऐसे में सालभर सूर्य देव की कृपा पाने के लिए साल के पहले दिन सूर्य देव को विधिपूर्वक अर्घ्य देने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. कहते हैं कि सूर्य देव सभी ग्रहों के राजा हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुबह-सुबह उगते सूर्य को प्रणाम करने और जल अर्पित करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. सूर्य देव की कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति है. साथ ही, हर क्षेत्र में व्यक्ति को सफलता हासिल होती है. आइए जानें सूर्य देव को जल अर्पित करने की सही विधि और मंत्र के बारे में.
इस विधि से करें सूर्य देव की पूजा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सुबह के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें सिंदूर, अक्षत, लाल सिंदूर और लाल फूल डाल दें. सूर्य को अर्घ्य देते समय पूर्व दिशा में मुख कर लें. दोनों हाथों को सिर से ऊपर कर लें और पानी की धार में से सूर्य के प्रकाश को देखें. जल किसी गमले या बर्तन में भी अर्पित कर सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें जल अर्पित करते समय पानी की छिंटे पैर पर न लगें. अर्घ्य देने के साथ-साथ सूर्य मंत्रों का उच्चारण करें.
सूर्य देव को इतनी बार अर्पित करें जल
शास्त्रों में सूर्य को सही से जल अर्पित करने की विधि के बारे में बताया गया है. सूर्य देव को तीन बार जल अर्पित किया जाता है. पहली बार अर्घ्य देने के बाद एक परिक्रमा करें, इसके बाद दूसरी बार जल अर्पित करें और परिक्रमा करें. तीसरी बार जल अर्पित करने के बाद फिर से परिक्रमा की जाती है.
इन मंत्रों का करें जाप
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि सूर्य देव को जल अर्पित करते समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. ऐसे में इन मंत्रों का उच्चारण करें.
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर
ऊं ब्रह्म स्वरुपिणे सूर्य नारायणे नमः
सूर्य देव के 12 नामों से करें जाप
कहते हैं कि सूर्य देव के 12 नामों के जाप करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
1. ॐ सूर्याय नम:
2. ॐ मित्राय नम:
3. ॐ रवये नम:
4. ॐ भानवे नम:
5. ॐ खगाय नम:
6. ॐ पूष्णे नम:
7. ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
8. ॐ मारीचाय नम:
9. ॐ आदित्याय नम:
10. ॐ सावित्रे नम:
11. ॐ अर्काय नम:
12. ॐ भास्कराय नम: