Wednesday, May 14, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home राज्य

आचार संहिता के बाद सीएम शिवराज के पास अब कितनी ‘ताकत’, राज्य कौन चलाएगा अब?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
09/10/23
in राज्य, समाचार
आचार संहिता के बाद सीएम शिवराज के पास अब कितनी ‘ताकत’, राज्य कौन चलाएगा अब?

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

भोपाल: मध्यप्रदेश सहित 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का सोमवार को ऐलान हो गया। इसके साथ ही प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता यानि आचार संहिता लागू हो गई है। आखिर यह आचार संहिता क्या होती है? और इसके लागू होने के बाद मुख्यमंत्री कितना ‘कमजोर’ हो जाता है? और प्रशासन कितना शक्तिशाली? यहां पर हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं।

दरअसल, जब किसी भी प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता का ‘मालिक’ निर्वाचन आयोग बन जाता है। पूरा सिस्टम ही निर्वाचन आयोग के अनुसार संचालित होता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो आज यानि 9 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में आचार संहिता लागू हुई है। प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव होंगे, 3 दिसंबर को मतगणना होगी और 5 दिसंबर को चुनावी प्रक्रिया समाप्त होगी। इसके बाद प्रदेश में जिसकी भी सरकार बनेगी, उस पार्टी का नेता मुख्यमंत्री बनेगा। जब तक मुख्यमंत्री शपथ नहीं ले लेता, तब तक चुनाव आयोग ही राज्य को चलाएगा।

आचार संहिता लागू होते ही राज्य सरकारें निहत्थी हो जाती हैं। चुनाव आयोग महाबली हो जाता है। सरकारों पर कई सारी पाबंदियां लग जाती हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक चुनाव प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी से मेल-मुलाकात नहीं कर सकता।

अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकारी विमान, सरकारी गाड़ियों, सरकारी आवास सहित सभी शासकीय सुविधाओं का इस्तेमाल चुनाव या किसी पार्टी, प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं कर पाएंगे। सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने आधिकारिक निवास से अपने ऑफिस तक केवल सरकारी काम के लिए ही किया जा सकेगा। अब मुख्यमंत्री जो भी कार्यक्रम करेंगे, वह उनके निजी खर्च में जुड़ेगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री किसी भी कार्यक्रम का भूमिपूजन, लोकार्पण आदि भी नहीं कर पाएंगे। अगर पहले ही कोई काम शुरू हो गया है तो वो जारी रह सकता है। किसी अधिकारी-कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। सरकारी पैसे का इस्तेमाल विज्ञापन या जन संपर्क के लिए नहीं कर पाएंगे। अब कहीं भी सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फोटो नजर नहीं आएगी, सभी होर्डिंग्स हटा लिए जाएंगे।

वहीं, अगर किसी तरह की कोई प्राकृतिक आपदा या महामारी आई हो तो मुख्यमंत्री चुनाव आयोग से अनुमति लेकर ही निर्णय कर पाएंगे। अब मुख्यमंत्री को अपने प्रचार प्रसार के लिए भी रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति लेनी होगी। रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस की अनुमति लेनी होगी।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.