पटना। लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान रखकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, बिहार द्वारा मतदाताओं के बीच कराए गए केएपी (ज्ञान, दृष्टिकोण व व्यवहार) बेसलाइन सर्वेक्षण में पिछले चुनाव में मतदान के लिए प्रत्याशी चयन के कारकों से संबंधित प्रश्न भी पूछे गए।
इसमें सबसे अधिक 50.2 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि प्रत्याशी चयन में व्यक्तिगत परिचय को प्राथमिकता देते हैं। 20.3 प्रतिशत ने कहा कि ईमानदार प्रत्याशी को वोट देना पसंद करते हैं। 11.1 प्रतिशत ने प्रतिबद्धता पूरी करने वाले तथा 7.6 ने अनुभव को प्रत्याशी चयन में प्रमुख कारक बताया।
वहीं, मतदान वरीयता को प्रभावित करने वाले कारकों में सबसे अधिक 49.8 प्रतिशत ने कहा कि उनकी मतदान पसंद परिवार की राय पर आधारित थी। प्रत्याशी से 35.6, जाति (Cast Vote) से 3.1 तथा धर्म (Religious Vote) से प्रभावित होकर 1.9 प्रतिशत ने मतदान वरीयता के चयन की बात कही। सर्वेक्षण राज्य के सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में कराया गया है। इसमें लगभग 60 हजार मतदाता शामिल हुए हैं।
वोट प्रतिशत बढ़ाने में प्रत्याशी अहम
आयोग ने मतदाताओं से उच्च मतदान प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों पर प्रश्न पूछे तो 42.2 प्रतिशत ने कहा कि प्रत्याशी अच्छे होंगे तो मतदान प्रतिशत बढ़ाना आसान होगा। 21 प्रतशित ने कहा कि धन शक्ति भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
12 प्रतिशत का मानना है कि मतदान के अनुकूल माहौल अधिक संख्या में मतदान को प्रोत्साहित करता है। आठ प्रतिशत ने इसके लिए उच्च जागरूकता को जिम्मेदार बताया।
सिर्फ 0.6 प्रतिशत ने मतदान के लिए गंभीर धमकी मिलने की बात कही। 89.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें मतदान के लिए किसी तरह की धमकी या दबाव नहीं दिया गया है।
पुलिस की उपलब्धता से अधिसंख्य लोग हैं संतुष्ट
सर्वेक्षण में शामिल 86.7 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि चुनाव के दौरान पुलिस बल की तैनाती सुरक्षा व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए पर्याप्त थी। 4.2 प्रतिशत ने कहा कि कुछ हद तक बेहतर था, लेकिन 2.5 प्रतिशत ने कहा कि सुचारु तौर पर चुनाव संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने की जरूरत है।