नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाली आर्थिक मदद पर आपत्ति जताई है. इसके बावजूद IMF ने कहा है कि पाकिस्तान ने सभी जरूरी शर्तें पूरी की हैं, इसलिए उसे कर्ज की अगली किस्त दी गई है. IMF ने हाल ही में पाकिस्तान को लगभग 8,000 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) की मदद मंजूर की. भारत ने इस पर चिंता जताई थी, क्योंकि यह मदद उस समय दी गई जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था.
भारत ने किया था विरोध
भारत ने IMF से कहा था कि वह यह मदद दोबारा सोचकर दे, क्योंकि पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत पर आतंकी हमलों को बढ़ावा देता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि पाकिस्तान को दी गई मदद एक तरह से आतंक को अप्रत्यक्ष आर्थिक सहायता देना है.
IMF पाकिस्तान को देगा 7 अरब डॉलर की मदद
IMF ने पहले ही पाकिस्तान को अपने ‘एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF)’ कार्यक्रम के तहत दो हिस्सों में 2.1 अरब डॉलर की मदद दी है. इस कार्यक्रम के तहत कुल 7 अरब डॉलर की मदद दी जानी है, जिस पर 2024 में समझौता हुआ था.
IMF की संचार विभाग की निदेशक जूली कोजैक ने कहा कि पाकिस्तान ने कार्यक्रम की सभी शर्तें पूरी की हैं और सुधारों में कुछ प्रगति भी की है. इसलिए IMF के बोर्ड ने अगली मदद को मंज़ूरी दी. जूली कोजैक ने भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने दोनों देशों में हाल ही में हुई हिंसा पर दुख जताया और उम्मीद जताई कि इसका शांतिपूर्ण हल निकलेगा.
IMF ने 2024 में दी थी मंजूरी
उन्होंने बताया कि 2024 में IMF के बोर्ड ने पाकिस्तान के इस कार्यक्रम को मंजूरी दी थी और इसकी पहली समीक्षा 2025 की पहली तिमाही में तय थी. 25 मार्च 2025 को IMF और पाकिस्तान के बीच इस समीक्षा पर सहमति बनी, और 9 मई को IMF बोर्ड ने इसे औपचारिक रूप से मंजूरी दी. इसके बाद पाकिस्तान को अगली किस्त मिली.
IMF ने क्यों दिया पाकिस्तान को कर्ज?
उन्होंने बताया कि यह IMF की सामान्य प्रक्रिया है कि वह अपने कर्ज़ कार्यक्रमों की समय-समय पर समीक्षा करता है. यह देखा जाता है कि देश ने शर्तें पूरी की हैं या नहीं, और अगर जरूरत हो तो नीतियों में बदलाव किया जाता है. उन्होंने कहा, “वे खास तौर पर यह देखते हैं कि क्या कार्यक्रम सही रास्ते पर है, क्या कार्यक्रम की शर्तें पूरी कर ली गई हैं, और क्या कार्यक्रम को वापस पटरी पर लाने के लिए किसी नीतिगत बदलाव की जरूरत है. पाकिस्तान के मामले में, हमारे बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने सभी लक्ष्य पूरे कर लिए थे. उसने कुछ सुधारों पर प्रगति की थी, और इसी वजह से बोर्ड ने कार्यक्रम को मंजूरी दे दी.”
आखिर में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सभी शर्तें पूरी की, इसलिए IMF ने आगे बढ़कर उसे मदद दी. लेकिन अगर आगे चलकर पाकिस्तान शर्तों से हटता है, तो भविष्य में मिलने वाली मदद पर असर पड़ेगा.