मुंबई : रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है. टीम ने 29 जून को खेले गए रोमांचक फाइनल में साउथ अफ्रीका को 7 रनों से हराया है. हालांकि रोहित ने चैम्पियन बनने के बाद टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान भी कर दिया है.
हालांकि, वो टेस्ट और वनडे खेलते रहेंगे. रोहित ने अपनी कप्तानी में 11 साल बाद भारतीय टीम को ICC ट्रॉफी जिताई है. इस खिताब से पहले पिछले एक दशक में भारतीय टीम के लिए ICC टूर्नामेंट में चोकर्स की तरह प्रदर्शन रहा था. टीम इस दौरान 10 ICC टूर्नामेंट में 9 बार नॉकआउट में पहुंची, लेकिन कभी खिताब नहीं जीत सकी.
मगर इस बार रोहित ने अपनी कप्तानी का ऐसा जादू दिखाया कि टीम को चैम्पियन बनाकर ही दम लिया. इससे पहले रोहित की कप्तानी में ही भारतीय टीम ICC वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में भी पहुंची थी, लेकिन खिताब से चूक गई थी. मगर इस बार रोहित ने टीम को चैम्पियन बना ही दिया.
इस दौरान रोहित की कप्तानी में जुझारूपन, निडरता, आक्रामकता और मुश्किल परिस्थिति में शांत रहकर मैच पलटने वाली काबिलियत दिखाई दी. यह खासियतें रोहित की कप्तानी में पहले भी थीं, लेकिन शायद उन्हें किस्मत का साथ नहीं मिला. मगर इस बार उन्होंने ऐसा जज्बा दिखाया कि किस्मत को भी नतमस्तक कर दिया. आइए जानते हैं रोहित की कप्तानी की खास बातें…
कप्तानी में दिखा जुझारूपन
इस वर्ल्ड कप में रोहित की कप्तानी में एक जुझारूपन दिखाई दिया है. ग्रुप स्टेज से सुपर-8, फिर सेमीफाइनल और फाइनल में उन्होंने हर एक टीम के खिलाफ अपनी कप्तानी में जुझारूपन दिखाया है. ग्रुप स्टेज के मैच अमेरिका में हुए थे, जहां पिच बल्लेबाजी के खिलाफ थी. मगर रोहित ने यहां भी हार नहीं मानी और हर एक टीम के खिलाफ जुझारूपन दिखाते हुए टीम को जीत दिलाई. पाकिस्तान के खिलाफ 120 रनों का टारगेट तक डिफेंड कर लिया था.
रोहित ने दिखाई निडरता
वर्ल्ड कप के दौरान रोहित की कप्तानी में निडरता भी दिखाई दी है. फाइनल का ही उदाहरण ले सकते हैं, जब टीम इंडिया ने 34 रनों पर 3 विकेट गंवा दिए थे, तब उन्होंने शिवम दुबे, हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा से भी पहले यानी 5वें नंबर पर अक्षर पटेल को बैटिंग के लिए भेजा था. अक्षर ने भी 47 रनों की पारी खेलकर उनके फैसले को सही साबित किया. यह रोहित की कप्तानी में निडरता की एक बड़ी झलक थी. उन्हें जरा भी डर नहीं था कि यह दाव उलटा भी पड़ सकता है.
रोहित की कप्तानी के रिकॉर्ड्स
टेस्ट मैच: 16 – 10 जीते – 4 हारे – 2 ड्रॉ
वनडे मैच: 45 – 34 जीते – 10 हारे – 1 बेनतीजा
टी20 मैच: 62 – 49 जीते – 12 हारे – 1 टाई
वर्ल्ड कप में दिखाई आक्रामक कप्तानी
रोहित ने इस टूर्नामेंट में अपनी आक्रामक कप्तानी दिखाई है. इसका उदाहरण इस वर्ल्ड कप में भारतीय बल्लेबाजी की शैली को देख सकते हैं. ओपनिंग में रोहित के साथ विराट कोहली ने मोर्चा संभाला था. इसके बाद ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने बल्लेबाजी में प्लान के तहत आक्रामता दिखाई.
चाहे लगातार विकेट गिरते रहे हों, लेकिन बैटिंग ने रनरेट स्लो नहीं किया. इसका बड़ा उदाहरण रोहित की खुद की बल्लेबाजी रही है. सुपर-8 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब भारतीय टीम ने 6 रन पर पहला विकेट गंवा दिया था. उसके बावजूद रोहित अपनी ताबड़तोड़ पारी खेलते रहे और उन्होंने 41 गेंदों पर 92 रन जड़ दिए थे. तब उन्होंने 8 छक्के और 7 चौके जमाए थे.
आखिरी बॉल तक हार नहीं मानना
रोहित की कप्तानी में देखा गया है कि भारतीय टीम आखिरी बॉल तक हार नहीं मानती है. इसके कई उदाहरण हैं, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच और साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मुकाबला है. फाइनल में अफ्रीकी टीम को आखिर में 30 गेंदों पर 30 रन चाहिए थे. उनके पास 6 विकेट बाकी थे.
तब फैन्स ने हार मान ली थी, लेकिन उस स्थिति में भी रोहित ने हार नहीं मानी थी. रोहित ने अपनी कप्तानी का जौहर दिखाया और एक के बाद एक जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पंड्या को गेंदबाजी पर लगाकर आखिरी 5 ओवर में पूरी बाजी ही पलट दी. इसके बाद अफ्रीकी टीम को 7 रनों से हार झेलनी पड़ी.