देहरादून : उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के मुद्दे से टकराने के लिए कांग्रेस ने दोहरी रणनीति तैयार कर ली है. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ राज्य के नेताओं की दिल्ली में 4 घंटे की मैराथन बैठक में फैसला हुआ है. खरगे और राहुल गांधी के साथ उत्तराखंड के नेताओं की चुनावी चर्चा सुबह 11 बजे शुरू होकर 3 बजे तक चली. इस दौरान बैठक में UCC का मुद्दा छाया रहा.
कांग्रेस की बैठक में यूसीसी मुद्दे पर रणनीति तय की गई कि राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए उसके कानून को सिर्फ छलावा बताया जाए क्योंकि जब केंद्र ही कानून लाने जा रही है तो राज्य के कानून का औचित्य नहीं है. अब रही केंद्र के कानून की बात तो सीधे तौर पर इसका कतई विरोध नहीं किया जाए बल्कि ड्राफ्ट सामने आने का इंतजार किया जाए.
कांग्रेस की आगे रणनीति है कि खुद बीजेपी के भीतर वनवासी संघ, आदिवासी लोग, उत्तर-पूर्व के मुख्यमंत्री इसका विरोध कर रहे हैं, सवाल बीजेपी से पूछा जाए कि पहले वो अपनों को संतुष्ट करें. बीजेपी का ये चुनावी शिगूफा ध्रुवीकरण के लिए है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का कहना है कि बीजेपी के भीतर ही इसका विरोध हो रहा है. उनको संतुष्ट करना चाहिए. ये सब सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है. बाकी बीजेपी लाना क्या चाह रही है वो कम से कम ड्राफ्ट तो लेकर आए.
कांग्रेस तय मुद्दों पर निकालेगी पदयात्राएं
इसके साथ ही कांग्रेस की बैठक में तय हुआ कि बीजेपी के पसंदीदा मुद्दों पर उलझने के बजाय राज्य के मूल और स्थानीय मुद्दों पर फोकस करना है. राज्य में आर्मी भर्ती का रुझान देखते हुए अग्निवीर योजना का पुरजोर विरोध करना भी तय किया गया. इसके बाद सभी ने राहुल को भारत जोड़ो यात्रा की बधाई दी तो सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने कहा कि खाली रणनीति तय कर लेने भर से बात नहीं बनेगी इसे धरातल पर उतारना होगा. इसके लिए जनता के बीच जाना होगा और इसके लिए आप सभी को भी पदयात्राएं करनी होंगी. इसके बाद कहा गया तय मुद्दों पर प्रदेश भर में पदयात्राएं निकाली जाएंगीं, जिसमें राहुल, प्रिंयका गांधी भी शामिल होंगे.