भोपाल : मध्य प्रदेश में भाजपा दिग्गजों की नाराजगी से जूझ रही है। इसके पीछे पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी कथित उपेक्षा को माना जा रहा है। खासकर यह नाराजगी ऐसे वक्त में देखी जा रही है जब पार्टी ने जन आशीर्वाद यात्राओं के साथ ही सूबे में चुनावी शंखनाद किया है। इस मसले पर पार्टी के पुराने और अनुभवी नेताओं का कहना है कि ऐसा लगता है कि पार्टी कांग्रेस के रास्ते पर जा रही है। यदि ऐसा ही रहा तो भाजपा 55 से 56 सीटों वाली कांग्रेस की स्थिति में पहुंच जाएगी।
दरअसल, सोमवार को पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन अपने गृह नगर इंदौर में एक कार्यक्रम में शामिल हो रही थीं, तभी पत्रकारों ने उनसे भंवर सिंह शेखावत जैसे दिग्गजों के पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बारे में सवाल कर दिया। इस पर महाजन ने कहा कि पार्टी में कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जिन्हें विभिन्न पद मिले लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें कोई पद नहीं मिला। पार्टी की मजबूती में योगदान देने वाले सम्मान के पात्र हैं। मैं ऐसे कार्यकर्ताओं का सम्मान करती हूं जो पार्टी के प्रति समर्पित हैं।
सुमित्रा महाजन के इस बयान पर पार्टी नेताओं ने कहा कि महाजन पिछले कुछ समय से पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने राज्य में वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर बार-बार अपनी पीड़ा व्यक्त की है। जन आशीर्वाद यात्रा के शुभारंभ पर उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। असंतुष्ट नेताओं में महाजन अकेली नहीं हैं। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने राज्य के विंध्य क्षेत्र के चिक्राकोट से यात्रा की शुरुआत के लिए आमंत्रित नहीं किए जाने पर यात्रा से दूर रहने की बात कह दी।
सनद रहे उमा भारती राज्य में शराबबंदी, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा समेत अन्य मांगों पर भाजपा सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए लंबे समय से सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर (अब एक्स) का इस्तेमाल कर रही हैं। उमा भारती ने सोमवार को एक संदेश पोस्ट किया- यह सच है कि मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया है। इससे मेरे कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हां, यदि मुझे अब आमंत्रित किया गया तो भी मैं कहीं नहीं जाऊंगी, ना तो यात्रा की शुरुआत में और ना ही इसके समापन समारोह में…
गौर करने वाली बात यह कि भाजपा ने घोषणा-पत्र और चुनाव प्रबंधन समितियों समेत अपनी किसी भी चुनाव संबंधी समिति में उमा का नाम शामिल नहीं किया है। अब उन्हें जन आशीर्वाद यात्रा से दूर रखा गया है। पार्टी ने यह फैसला उस तथ्य के बावजूद लिया है कि उमा भारती ही वह नेता रहीं जिन्होंने साल 2003 में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 10 साल के शासन को समाप्त करने के साथ ही भाजपा को भारी जीत दिलाई थी।
मालूम हो कि 67 वर्षीय भंवर सिंह शेखावत शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर उन कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया, जिन्होंने पार्टी की स्थापना की और अपनी कड़ी मेहनत से इसे मजबूत किया। मौजूदा विधायक और कुछ पूर्व विधायकों समेत पार्टी नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने पर टिप्पणी करते हुए, इंदौर के पूर्व विधायक और भाजपा के अनुभवी नेता सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल और अन्य जैसे नेता थे जो पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान देते थे।
सत्यनारायण सत्तन ने कहा- पार्टी विद्यार्थी परिषद के ऐसे नेताओं द्वारा चलाई जा रही है जो प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं के महत्व को शायद ही समझते हैं। ये नेता प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को किसी भी परामर्श प्रक्रिया में शामिल नहीं करते हैं। ऐसा लगता है कि पार्टी कांग्रेस के रास्ते पर जा रही है। यदि यही प्रवृत्ति रही तो पार्टी 55 से 56 सीटों वाली कांग्रेस की स्थिति में पहुंच जाएगी।
भाजपा के भीतर नेताओं की नाराजगी पर राज्य कांग्रेस मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को भाजपा नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि BJP नेतृत्व उमा भारती एवं अन्य दिग्गज नेताओं की उपेक्षा कर रहा है। इस मसले पर राज्य भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि यह कांग्रेस का दुष्प्रचार है। पार्टी के दिग्गजों की उपेक्षा की जा रही है। भाजपा एक परिवार की तरह है जहां पार्टी कार्यकर्ता बड़ों के मार्गदर्शन में काम करते हैं।