भारत ने चीन को चुनौती देने के लिए ‘Make In India’ से लेकर ‘PLI Scheme’ जैसी कई योजनाएं लाई हैं. पर भारत में चीनी सामान का इंपोर्ट कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहा है. दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी के बावजूद साल 2022 के हालिया आंकड़ों को देखें तो दोनों देशों के बीच का व्यापार ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया है.
इतना ही नहीं भारत का व्यापार घाटा भी 100 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है. यानी भारत चीन को एक्सपोर्ट करने के बजाय वहां से इम्पोर्ट ज्यादा करता है.
ऑल टाइम हाई हुआ दोनों का व्यापार
चीन के कस्टम विभाग ने शुक्रवार को भारत-चीन के बीच होने वाले व्यापार के आंकड़े जारी किए हैं. इसके हिसाब से दोनों देश के बीच 2022 में 135.98 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. ये पिछले साल के 125 अरब डॉलर के स्तर से भी 8.4 प्रतिशत अधिक है और अब तक का सबसे ऊंचा लेवल है.
चीन का भारत को एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट
आंकड़े दिखाते हैं कि चीन ने भारत को 118.5 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया. ये 2021 के मुकाबले 21.7 प्रतिशत अधिक है. वहीं चीन ने भारत से महज 17.48 अरब डॉलर का सामान ही इम्पोर्ट किया. ये 2021 के मुकाबले 37.9 प्रतिशत कम है.
इस तरह चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 101.02 अरब डॉलर हो गया है. जबकि 2021 में ये 69.38 अरब डॉलर था.
भारत के लिए चिंता बढ़ता व्यापार घाटा
ये पहली बार है जब चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया है. भारत के लिए ये स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर भारत कई बार अपनी परेशानी व्यक्त कर चुका है.
साल 2021 में भारत और चीन का कुल व्यापार 125.62 अरब डॉलर था. ये 2020 के मुकाबले 43.32 प्रतिशत ज्यादा रहा था. साल 2021 वो पहला साल था जब दोनों देश के बीच का व्यापार 100 अरब डॉलर के पार गया था.
दशक में जबरदस्त बढ़ा दोनों का व्यापार
बीते एक दशक में चीन और भारत के बीच व्यापार में जबरदस्त ग्रोथ देखी गई है. 2015 से 2021 के बीच भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 75.30 प्रतिशत तक बढ़ गया है. यानी इसमें सालाना 12.55 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है. भारत का चीन से आयात बढ़ने की एक बड़ी वजह भारत में सस्ते चीनी सामान की अत्याधिक खपत होना है.
व्यापार घाटा को नीचे लाने के लिए भारत लंबे समय से चीन से दवा और आईटी सेक्टर को खोलने की बात कर रहा है, पर इसे लेकर अभी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.