रायपुर : छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलने के बाद कल यानी बुधवार को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में सभी की निगाहें लगी रही। मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण हुआ उसके बाद उप मुख्यमंत्री ने शपथ लिया अब लोगों को इंतजार था कि क्या कोई और नाम मंच से बोल जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलावा किसी भी प्रकार से मंत्रिमंडल का जिक्र नहीं हुआ। अब एक बार फिर से प्रदेश में मंत्रिमंडल पर किन नेताओं को बैठाया जाएगा वह चर्चा शुरू हो गई है।
सरगुजा संभाग से आदिवासी नेता के तौर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बनाया गया तो वहीं बिलासपुर संभाग से लोरमी से विधायक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण उत्सव को उपमुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके साथ ही दुर्ग संभाग से कवर्धा के विधायक विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। अब अगर क्षेत्र के हिसाब से समझे तो रायपुर संभाग और बस्तर संभाग से अभी तक एक भी चेहरे सामने नहीं आए हैं। लेकिन इस बार मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा यह खूब हो रही है कि नए चेहरे साय कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। हालांकि पुराने कुछ चेहरों को शामिल किया जाएगा लेकिन उनमें वह कौन से नाम होंगे वह फिलहाल तय नहीं है।
मंत्री की रेस में नए और पुराने दोनों नाम
मंत्री की रेस में जो चेहरे सबसे आगे चल रहे हैं अगर उनकी बात करें तो। पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, रामविचार नेताम, लता उसेंडी, रेणुका सिंह और धरमलाल कौशिक जैसे नाम शामिल हैं। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पास 90 में से 54 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। जिनमें से केवल 13 नाम ही मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। अब इस बार कुछ नए चेहरे भी सामने आ गए हैं जो खूब चर्चा में बने हुए हैं जिसमें ओपी चौधरी, अनुज शर्मा, खुशवंत साहेब, नीलकंठ टेकाम, रामकुमार टोप्पो, भावना बोहरा, जोगी कांग्रेस से भाजपा शामिल हुए वरिष्ठ नेता विधायक धर्मजीत सिंह, सुशांत शुक्ला जैसे नाम मंत्रिमंडल की रेस में गिने रहे हैं।
क्या नए चेहरे पर खेला जाएगा दांव, कौंन बनेगा मंत्री
छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट में जो चेहरे शामिल होंगे उनमें ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी इस बार नए चेहरों को मैदान में उतर सकती है जिसमें जातिगत आधार पर क्षेत्र के आधार पर योग्यता पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर अनुज शर्मा छत्तीसगढ़ के चर्चित कलाकार हैं तो ऐसे में उन्हें सांस्कृतिक मंत्री का पद दिया जा सकता है। कांग्रेस की सरकार के दौरान सतनामी समाज को साधने गुरु रुद्र कुमार को मंत्री बनाया गया था वहीं भाजपा इस बार फिर सतनामी समाज को 5 सालों तक साध के रखना सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब को मंत्री बन सकते हैं। यह मैच केवल एक अनुमान है। हालांकि छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक सबसे बड़ा चेहरा डॉ रमन सिंह जिनको लेकर लगभग यह तय माना जा रहा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे। माना जा रहा है कि डॉ रमन सिंह किसी प्रकार से मंत्रिमंडल का पद नहीं लेंगे और उनकी वरिष्ठता के अनुरूप उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सभी योग्य, कई पूर्व मंत्री, संकट में भाजपा
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के अंदर वर्तमान में नए और वरिष्ठ विधायकों की बड़ी संख्या है जिसमें बहुत से मंत्री बनने की योग्यता भी रखते हैं और बहुत से ऐसे विधायक है जो पहले भी मंत्री रह चुके हैं। अब सबको इंतजार है कि भाजपा अपने इन 13 मंत्रियों में किन्हे किन्हे शामिल करती हैं और कौन से वह ऐसे वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री होंगे जिन्हें मायूस होकर बैठना पड़ सकता है।